आगरा स्थित बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय का यह करिश्मा सोमवार की सुबह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. आखिर क्या है मामला?
बीते दिनों टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर आयी थी कि आगरा के बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बीएड की परीक्षा में 12800 छात्रों का नामांकन था लेकिन उससे लगभग 7000 ज्यादा यानी 20 हजार छात्रों ने परीक्षा पास कर ली. एक निजी एजेंसी ने रिजल्ट के बाद दावा किया था कि उसके पास केवल 12800 छात्रों का डजाटा बेस उपलब्ध है. इसके बाद विश्वविद्यालय ने आननफानन में रिजल्ट रोक दिया था.
विश्वविद्यालय के कुलपति मोहम्मद मोजम्मिल ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है. इस मामले में कुछ निजी कालेजों के संलिप्त होने की बात कही जा रही है. हालांकि निजी कालेजों का कहना है कि उनके यहां आवंटित सीटें खाली थीं जिसे बाद में भरा गया और उन सीटों के छात्रों ने परीक्षा दी इसी लिए छात्रों की संख्या बढ़ी है.