भाजपा से निलंबित चल रहे दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद ने आज लोकसभा में शून्य काल के दौरान उत्तर बिहार के मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार का मिथिला क्षेत्र कृषि, शिक्षा में मजबूत रहा है. लेकिन, आज वहां सैकड़ों उद्योग बंद होने के बाद विपन्नता की स्थिति है. इसलिए सांस्कृतिक और भाषाई आधार पर मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग संवैधानिक रूप से उचित है.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि बाढ़, सूखा जैसी विपदाओं की वजह से भी उत्तर बिहार के लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इसलिए केंद्र सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. राज्य सरकार मिथिला के विकास के लिए कुछ नहीं कर रही है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जो मिथिला कभी शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराती रही, आज वह विपन्नता के दौर में है. चीनी मिल, जुट मिल, पेपर मिल, सिल्क मिल, खादी भंडार आदि बंद पड़े हैं. बाढ़ की समस्या का कोई स्थायी निदान सरकार के पास नहीं है. पलायन यहां की मजबूरी बन चुकी है. ऐसी परिस्थिति में मिथिला राज्य से ही मिथिला का विकास संभव है.
बता दें कि दिल्ली और डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन (DDCA) में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उनका आरोप था कि जेटली के डीडीसीए के अध्यक्ष रहते बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था. उन्होंने खुलकर जेटली के खिलाफ बयानबाजी की थी, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था.