पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन मामले में नया मोड़ आ गया है। नारायण को लेकर दो खंडपीठ के अलग-अलग आदेश के मद्देनजर बुधवार को दोनों मामले को लार्जर बेंच (तीन जजों की पीठ) को रेफर कर दिया गया। लार्जर बेंच में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी, न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा और न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह शामिल हैं। गुरुवार को सवा दो बजे मामले की सुनवाई होगी।
भास्करडॉटकॉम की खबर के अनुसार, प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर और अपर महाधिवक्ता राय शिवाजी नाथ ने कहा-सरकार दुविधा में है कि वह किस पीठ के आदेश का पालन करे। न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा व न्यायमूर्ति पीके झा की खंडपीठ ने कुलदीप के निलंबन पर रोक लगा दी है। जबकि रामाचक बैरिया मामले में आपकी (न्यायमूर्ति अंसारी) खंडपीठ ने बतौर प्रभारी आयुक्त कपिल अशोक को हलफनामा दायर करने को कहा है। ऐसे में सरकार दुविधा में है। उन्होंने दोनों मामले को लार्जर बेंच को रेफर करने की अपील की ताकि सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर सके।
किशोर के अनुरोध को मानते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दोनों पीआईएल (कुलदीप के निलंबन और बैरिया मामला) को लार्जर बेंच को रेफर कर दिया। गौरतलब है कि 15 दिसंबर को न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा और न्यायमूर्ति पीके झा की खंडपीठ ने कुलदीप के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी। जबकि उसी दिन न्यायमूर्ति अंसारी और न्यायमूर्ति समरेन्द्र प्रताप की खंडपीठ ने कपिल को प्रभारी आयुक्त मानते हुए कचरा प्रबंधन पर शुक्रवार यानी 19 को रिपोर्ट सौंपने को कहा था।