पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग उहापोह में है। प्रशासनिक अधिकारियों के पदस्थापन और स्थानांतरण को जिम्मा सामान्य प्रशासन विभाग का ही होता है। कुलदीप नारायण के मामले पर कल मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी व मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह के बीच हुई चर्चा को लेकर यह माना जा रहा है कि सरकार पीछे हट सकती है। लेकिन इसकी प्रक्रिया क्या होगी, इस पर आम सहमति नहीं बनी है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव धर्मेंद्र सिंह गंगवार ने naukarshahi.in को बताया कि सीएम व सीएस के बीच हुई बार्ता के दौरान वह मौजूद नहीं थे। इस कारण बैठक में हुए निर्णय के संबंध में कुछ नहीं बताया जा सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि विभाग को करना था, वह पहले कर चुका है।
इस बीच कल दिन भर निलंबन को लेकर सरगरमी बनी रही। मुख्य सचिव के पटना से बाहर होने के कारण आगे की कार्रवाई पर कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा था, लेकिन शाम को उनके पटना पहुंचने के बाद आइएएस एसोसिएशन ने सीएस से मुलाकात की और निलंबन वापस लेने की मांग की। इस संबंध में सीएस में सकारात्मक निर्णय का आश्वासन संघ को दिया।
उधर भाजपा ने निलंबन के मामले में कड़ा तेवर अपना लिया है। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि भू-मफिया एवं बिल्डरों के दबाव में नगर आयुक्त कुलदीप नाराण को निलम्बित किया गया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि सत्ता में बैठे लोगों के दबाव के बावजूद आयुक्त ने समर्पण करने से जब इनकार कर दिया, तो उस ईमानदारी की सजा आयुक्त भुगतनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम नीतीश कुमार के दाहिना हाथ माने जाने वाले जदयू के बाहुबली विधायक अनंत सिंह एवं राज्यसभा सांसद आरसीपी सिन्हा से जुड़े अनेक अवैध निर्माण करने वालों पर कार्रवाई के कारण निगम आयुक्त के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की।