पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले कृषि और किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुये सवाल पूछा कि सरकार के सात निश्चयों में कृषि और किसानों को क्यों शामिल नहीं किया गया हैं।
श्री मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि निश्चय यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसानों को डीजल अनुदान एवं मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड नहीं मिलने, ई-किसान भवन नहीं बनने, किसान पाठशाला बंद होने तथा कृषि के योजना व्यय की राशि खर्च नहीं होने की समीक्षा क्यों नहीं कर रहे हैं। जब बहुप्रचारित कृषि कैबिनेट भंग कर दिया गया तो कृषि और किसान से जुड़े मुद्दे उनके सात निश्चयों में शामिल क्यों नहीं है। क्या कृषि और किसान अब सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार कृषि के योजना व्यय की आधी राशि भी खर्च नहीं कर पाई। चालू वित्त वर्ष में कृषि पर खर्च बढ़ने की बजाय पिछले साल की तुलना में पहले छह महीने में 13 प्रतिशत कम राशि खर्च हो पाई है। खरीफ के दौरान डीजल अनुदान मद में आवंटित 170 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 37 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया है। रबी की बुआई समाप्ति पर है लेकिन बक्सर, रोहतास, भभुआ और किशनगंज आदि जिलों के किसानों को खरीफ सीजन का डीजल अनुदान अभीतक नहीं मिल पाया है।