मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि के विकास के लिए तकनीकी विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए आज कहा कि कृषि के विकास के बिना देश एंव प्रदेश का टिकाऊ विकास संभव नहीं है।
श्री कुमार ने पूर्णिया में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के नवनिर्मित भवनों के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार कृषि के क्षेत्र में इन्द्रधनुषी क्रांति के उद्देश्य से कृषि रोड मैप के आधार पर कार्य कर रही है। इसके लिए 250 आबादी वाले प्रत्येक बसावट को पक्की सड़क से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है ताकि किसान अपने उत्पादों को आसानी से बाजार तक ले जा सकें। इसके अलावा भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए नये गोदामों का निर्माण तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने का कार्य भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान प्रदेश है, यहाँ की 76 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिग की समस्या को कम करने के उद्देश्य से पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए राज्य में हरित आवरण को नौ प्रतिशत से बढ़ाकर पंद्रह प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा अद्यतन उपलब्ध आकड़ों के आधार पर हरित आवरण 13 प्रतिशत हो चुका है। श्री कुमार ने कहा कि कृषि के विकास के लिए तकनीकी विकास आवश्यक है, इसके लिए कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान आवश्यक है।