कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उन्होंने नोटबंदी के फैसले में किसी की राय नहीं ली और अपने मंत्रियों तक को इस मामले में अंधेरे में रखा। श्री चिदम्बरम ने कांग्रेस के एक दिवसीय ‘जन वेदना सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि श्री मोदी के इस फैसले ने दिहाड़ी मजदूरों, खेतीहर श्रमिकों, छोटे कारोबारियों तथा नौजवानों के जीवन को तबाह कर दिया है और देश की अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया है।
कांग्रेस के जनवेदना सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा
उन्होंने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि नोटबंदी का निर्णय सिर्फ एक व्यक्ति का फैसला था, जिसने देश को गहरे संकट में धकेल दिया है और पूरी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है। करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है और किसानों, मजदूरों और गरीबों के लिए जीवन कठिन बना दिया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक देश की एक शीर्ष संस्था है। बैंक सरकार को सलाह देता है कि उसे मौद्रिक स्थिति में सुधार के लिए किस तरह के कदम उठाने हैं, लेकिन नोटबंदी के फैसले से यह साफ हो गया है कि रिजर्व बैंक ने सरकार को सलाह नहीं दी बल्कि सरकार ने ही उसे सलाह दी है।
श्री चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी के कारण लोग भारी मुसीबत में हैं। देश में 25 करोड़ लोगों की रोजी -रोटी छिन गयी है। पैसे की निकासी में पाबंदी के कारण उद्योग-धंधे बंद होते जा रहे है लेकिन बार-बार के अनुरोध के बावजूद सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो को ‘कांस्पिरेसी ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन’ बना दिया गया ।