विधान सभा में विपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है। बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ भी नहीं मिला। नीतीश कुमार बताएं क्या यही उनके लिए डबल इंजन है? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की वजह से बीजेपी की केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
वोटों की खेती में लीन है सरकार
श्री यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने धरातल पर कुछ नहीं किया और ना ही कर रही। सरकार सिर्फ़ कागज़ों पर बातों के पकौड़े और जुमलों के बताशे उतार रही है। भाजपा के चरित्र के अनुरूप अमीरों के हितों को ध्यान में रखा गया। उन्होंने कहा कि बजट किसानों के साथ छलावा है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1600 रू प्रति क्विंटल है, लेकिन बाज़ार में उस मूल्य पर कोई गेहूँ ख़रीदने वाला नहीं है। मजबूरन किसान को 1300 मे गेहूँ बेचना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि किसानों की खेती की चिंता छोड़ मोदी सरकार वोटों की खेती में लीन है। बीजेपी देश से किसानों को समाप्त करना चाहती है। पूँजीपतियों का एनपीए 10 लाख करोड़ है, लेकिन पूँजीपतियों की रखवाली मोदी सरकार 80 करोड़ किसानों का कुछ हज़ार करोड़ रुपए क़र्ज़ माफ़ नहीं कर सकती। किसानों की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं उनका क़र्ज़ माफ़ कर देते आय तो उससे भी बढ़ जायेगी।
श्री यादव ने कहा कि कृषकों की आय को 2022 तक तक दुगना कर दिया जाएगा, हवा हवाई चुनावी दावा है पर कोई रोड मैप नहीं, अगर हम सचमुच उस ओर बढ़ रहे होते तो तो पिछले तीन साल में ही किसानों के आत्महत्या में लगातार गिरावट आ रही होती और आज रुक चुकी होती।