उपमुख्यमंत्री और राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को लेकर घोषित विशेष पैकेज को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच समझौता होने के बावजूद राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित नहीं किया गया है। जबकि संसद में पारित होने के बाद पिछले 28 मई को डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 2016 को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति नहीं की गयी है। एसेट टेकओवर कमेटी का गठन नहीं किया गया है। इस कमेटी में कुलपति समेत केंद्र सरकार के 3 प्रतिनिधि एवं राज्य सरकार का प्रतिनिधि होगा। कुलपति की नियुक्ति एवं एसेट टेकओवर कमेटी का गठन नहीं होने के कारण केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मूर्तरूप नहीं ले सका है। यह केंद्र सरकार की विफलता है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को वेतनादि आदि के लिए 457.38 करोड़ विमुक्त किया गया है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में इस विश्वविद्यालय को 130.54 करोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की लगातार उपेक्षा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कर्मियों के हित में वर्ष 2016-17 के लिए भी 103.44 करोड़ रु स्वीकृत किये गए हैं।
श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को लेकर घोषित विशेष पैकेज को लेकर गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार और उसके मंत्री जनता को गुमराह और दिग्भ्रमित कर रहे हैं। केंद्र सरकार की कोई भी योजना धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन से आग्रह किया कि राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की दिशा परिवर्तित करने की पहल करें। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार कार्यप्रक्रिया शुरू की जाए।