जमीन अधिग्रहण बिल के विरोध में 14 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने आज संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला। मार्च की अगुआई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। हालांकि, राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए सिर्फ 26 सांसदों को मंजूरी मिली। राष्ट्रपति भवन पहुंच कर विपक्ष के नेता ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर बिल के विरोध में उन्हें ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एलान किया कि विपक्ष किसान विरोधी इस बिल को पास नहीं होने देगा।
भास्करडॉटकॉम की खबर के अनुसार संसद भवन परिसर के राष्ट्रपति भवन तक लगभग 1 किलोमीटर की दूरी के इस मार्च में 14 विपक्षी पार्टियों के 100 से ज्यादा सांसद शामिल थे। मार्च के दौरान तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्य साथ दिखे। तृणमूल सांसद ‘हम होंगे कामयाब’ गाना गा रहे थे। बता दें कि शुरुआत में विरोध के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मार्च की मंजूरी दे दी। मार्च के मद्देनजर राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई। साथ ही पुलिस ने मार्च के दौरान किसी भी तरह की हिंसा से निपटने के लिए भी सुरक्षाबलों को तैनात किया था। विपक्षी पार्टियों का यह मार्च भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मौजूदगी में राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा।
शुरुआत में मार्च का विरोध कर रही दिल्ली पुलिस को पार्टियों ने चेतावनी दी थी कि वे मार्च निकालकर रहेंगे, भले ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले। इस पूरे मामले पर सरकार ने कहा था कि उसे राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे जाने और विपक्ष के मार्च पर कोई आपत्ति नहीं है। केंद्र ने शांतिपूर्ण मार्च का हवाला देते हुए विपक्ष दलों के सदस्यों को कार से राष्ट्रपति भवन जाने का सुझाव दिया था।