भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों की तरह नरेन्द्र मोदी सरकार के मंत्रियों को भी लोकतंत्र के लिए बिना किसी डर के अपनी बात खुलकर रखनी चाहिए।
श्री सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा नेताओं और मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को भी बिना किसी भय के लोकतंत्र के लिए आवाज उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कुछ सदस्य भी इस मामले में चुप हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि यदि उन्होंने कुछ बोला तो उनकी कुर्सी चली जाएगी।
मोदी सरकार पर पिछले कुछ दिनों से लगातार हमला करते आ रहे श्री सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों के कल संवाददाता सम्मेलन में दिए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान हालात आपातकाल जैसे हो गए हैं। संसद सत्र की अवधि कम किए जाने पर श्री सिन्हा ने कहा कि अगर संसद के कामकाज से समझौता किया जा रहा है, उच्चतम न्यायालय का काम ठीक से नहीं चल पा रहा है तो लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि यदि शीर्ष न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीश यह कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है तो हमें उसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस मामले में हमें न्यायाधीशों की आलोचना करने की बजाय उन मुद्दों पर मंथन करना चाहिए, जो न्यायाधीशों ने उठाए हैं।