केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एक राज्य के दूसरे राज्य से संबंध सुधारने और केंद्र तथा राज्यों के संबंध के साथ-साथ क्षेत्रीय परिषदों एवं अंतरराज्यीय परिषद को सशक्त करने तथा उत्तम संघीय संरचना को बरकरार रखने को महत्व दे रही है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने 23वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक सार्थक रही क्योंकि इस दौरान 26 मुद्दों को सुलझाया गया और 30 मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश कभी भी माओवादियों, चरमपंथियों और आतंकवादी संगठनों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा
, “सुरक्षा बलों के जवान किसी भी स्थिति से निपटने, माओवादियों, चरमपंथियों और आतंकवादियों की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। राज्यों से रोहिंग्यों की पहचान करने और उनके बॉयोमेट्रिक विवरण केंद्र के पास जमा करने के लिए कहा गया है।”
श्री सिंह ने कहा कि देश में रहने वाले रोहिंग्याओं का ब्योरा मिलने के बाद केंद्र रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन को लेकर म्यांमार के साथ राजनयिक बातचीत शुरू करेगा। न घंटे तक चली इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, ओडिशा के वित्तमंत्री शशि भूषण बेहरा के अलावा संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे।
गत चार वर्षों में लगभग क्षेत्रीय परिषद की 13 बैठकें और स्थायी समिति की कुल 15 बैठकें हुईं हैं, जिसमें चर्चा में आए 700 मामलों में से लगभग 450 मुद्दों को सुलझाया गया।