दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाये जाने के विवाद में एक नया खुलासा हुआ है। दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल ने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मामले में पहले ही आगाह किया था।
श्री सहगल ने बताया कि जब आप सरकार 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना रही थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री को इससे होने वाले खतरे के प्रति आगाह किया था। उन्होंने कहा कि मैंने एक मुकदमे के सिलसिले में इस विषय का अध्ययन किया था। मैं उन्हें आगाह करना चाहता था कि वह अपने विधायकों को खतरे में डालना चाहते हैं । इससे पहले श्रीमती जया बच्चन को भी राज्य सभा की सदस्यता के अयोग्य करार दिया जा चुका था, क्योंकि वह उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिसंघ की अध्यक्ष भी थी। श्री सहगल ने कहा कि उन्होंने श्री केजरीवाल को इस मामले में मित्रवत सलाह दी थी लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। केजरीवाल सरकार ने अपने 21 विधायकों को लाभ के पद मामले से बचाने के लिए उप राज्यपाल की मंजूरी लिये बिना लाभ के पद से संबंधित एक विधेयक पूर्व प्रभाव से पारित किया था, लेकिन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इसे अपनी मंजूरी नहीं दी। इससे इन विधायकों की सदस्यता पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। इसके बाद से केजरीवाल सरकार केन्द्र पर आरोप लगा रही है कि वह उसे काम नहीं करने दे रही है।