उच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मानहानि के दो अलग-अलग मामलों में दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत में इसकी सुनवाई पर आज रोक लगा दी।
न्यायालय ने केंद्र सरकार, अमित सिब्बल और पवन खेड़ा को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी। पहला मामला पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल ने दायर किया था। जिसमें श्री केजरीवाल के अलावा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शाजिया इल्मी और प्रशांत भूषण को आरोपी बनाया गया था। इस मामले की सुनवाई पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही है।
दूसरा मामला दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सचिव पवन खेड़ा ने दायर किया था। जिसकी सुनवाई दिल्ली की साकेत अदालत में चल रही है। जूनियर सिब्बल ने मामले की सुनवाई पर रोक न लगाये जाने का आग्रह किया, लेकिन शीर्ष अदालत ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया। श्री केजरीवाल एवं जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि अमित सिब्बल ने अपने पिता के पद का फायदा उठाते हुए न्यायालय में दूरसंचार कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया था। इन आरोपों के खिलाफ उन्होंने आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।