प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन बोइंग विमानों में यात्रा करते हैं, उनकी संचार व्यवस्था में सेंध लगायी जा सकती है और ग्राउंड स्टेशन पर बैठे लोगों के साथ उनकी अति गोपनीय बातचीत को दुश्मन सुन सकते हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की कल संसद में पेश की गई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है।
कैग की रिपोर्ट संसद में पेश
रक्षा अनुसंधान एव विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा प्रधानमंत्री के विमान के लिए मेघदूत परियोजना के तहत अभेद्य संचार व्यवस्था विकसित की जानी थी, जो इस वर्ष तक विमानों में नहीं लगायी जा सकी है। इस व्यवस्था में अति विशिष्ट व्यक्ति को ग्राउंड स्टेशन पर बैठे लोगों से वीडियो, वायस और फैक्स के जरिये संपर्क की सुविधा मुहैया करानी थी।
लेखा परीक्षण के दौरान कैग को बताया गया कि अमेरिका से खरीदे गये इन तीनों विमानों में वीडियो टेली कांफ्रेन्सिंग की व्यवस्था पहले से ही मौजूद थी, लेकिन वह कूटबद्ध नहीं थी इसलिए उसका इस्तेमाल करना असुरक्षित था। इन तीनों विमानों को वायु सेना द्वारा उड़ाया जा रहा है। कूटबद्ध संदेशों या जानकारी को केवल अधिकृत व्यक्ति ही पढ़ सकते हैं इसलिए यह सबसे सुरक्षित होता है लेकिन प्रधानमंत्री के विमान में संदेश को कूटबद्ध करने की व्यवस्था नहीं है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन विमानों में यह व्यवस्था अक्टूबर 2006 से लेकर अगस्त 2015 तक प्रभावी नहीं हो पाई और ये इनके बिना ही उड़ाये जा रहे हैं।