राज्य सरकार ने राज्य में स्टाम्प पेपर की उपलब्धता को सुगम बनाने के उद्देश्य से आज इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्प पेपर शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में ई-स्टाम्पिंग की व्यवस्था लागू करने, इसके लिए स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) को एजेंसी के रूप में नामित करने एवं सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी का कार्य करने तथा ई-संग्रह प्रणाली के माध्यम से विभिन्न प्रकार की शुल्क राशि प्राप्त करने एवं सरकारी कोष में जमा कराने से जुड़े प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
श्री मेहरोत्रा ने बताया कि बिहार में ई-स्टाम्पिंग का कार्य एसएचसीआईएल से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। एसएचसीआईएल पहले से 19 राज्यों में ई-स्टाम्पिंग कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार को स्टाम्प पेपर की छपाई पर मुद्रांकों की आपूर्ति के तौर पर प्रत्येक वर्ष 43.85 करोड़ रुपये व्यय करना पड़ता है जबकि ई-स्टाम्पिंग के एसएचसीआईएल को 23.65 करोड़ रुपये देना होगा। इससे सरकार को प्रत्येक वर्ष 20 करोड़ रुपये की बचत होगी।
श्री मेहरोत्रा ने बताया कि पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन या पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों, पेंशनधारियों या पारिवारिक पेंशनभोगिया को महंगाई भत्ता की दरों में 01 जुलाई 2016 और 01 जनवरी 2017 के प्रभाव से भत्ता देने को मंजूरी दी गई। प्रधान सचिव ने बताया कि बैठक में कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।