मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद काफी दिनों बाद मीडिया को आधिकारिक तौर पर बिफ्र करना था। लोकसभा चुनाव और विधानमंडल सत्र के दौरान कैबिनेट के फैसले की कॉपी पत्रकारों को उपलब्ध करा दिए जाते थे, लेकिन ब्रिफिंग नहीं होती थी। काफी इंतजार के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा सचिवालय स्थित सभा कक्ष में पहुंचे। पत्रकार भी हड़बड़ी में थे। जो महत्वपूर्ण निर्णय है, उसे बता दीजिए। इस कैबिनेट सचिव ने कहा कि काफी दिनों बाद मिले हैं, दुआ-सलाम तो हो जाए। इसके बाद उन्होंने बारी-बारी से फैसलों की जानकारी दी।
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हम नौकर
ब्रिफिंग के बाद प्रधान सचिव सभा कक्ष से बाहर निकले। मैंने उनको अपना विजिटिंग कार्ड दिया। वह कार्ड देखने के बोल पड़े- नौकरशाहीडॉटइन से शाही काट दो। हम तो नौकर ही हैं।
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राहत की सांस
आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत की सांस ली है। पिछले लगभग एक सप्ताह तक कोसी में बाढ़ की आशंका के बीच सबसे चर्चा में रहा आपदा प्रबंधन विभाग। विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी मिश्र ने दिन में दो-दो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के बाढ़ की स्थिति की जानकारी देते रहते थे। इसके अलावा बाढ़ प्रवण जिलों के जिलाधिकारियों, संबंधित विभागों के वरीय अधिकारी और केंद्र सरकार के साथ निरंतर संपर्क में रहते थे। लेकिन बाढ़ का खतरा टलने के बाद व्यासजी की परेशानी भी टल गयी और उन्होंने राहत की सांस ली।
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सिंगिल विंडो
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश की पहल से परिवहन विभाग में सिंगल विंडो पद्धति की शुरुआत की। इसका उद्घाटन मंत्री रमई राम ने किया। इस पद्धति के बाद बस मालिकों को परमिट के लिए अब बार-बार कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अभी यह सुविधा सिर्फ राज्यमार्गों के लिए है। अंतरराज्यीय मार्गों पर यह सुविधा बाद में शुरू की जाएगी।
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पूंजी का खेल
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से एस्सार ग्रुप के सीईओ सुशील मारू ने मुलाकात की और राज्य में पूंजी निवेश की इच्छा जतायी। यह ग्रुप बिहार में ऊर्जा, कंस्ट्रक्शन, कम्युनिकेशन के क्षेत्र में निवेश करने को इच्छुक है।