फिर झूठे साबित हुए हुक्म सिंह

भाजपा सांसद हुक्म सिंह का दूसरा झुठ भी पकड़ा गया है. उन्होंने दावा किया था कि रंगदारी न देने पर उत्तर प्रदेश के कैराना के 10 लोगों ( हिंदुओं) की हत्या कर दी गई है.

फिर झूठे साबित हुए हुक्म सिंह
फिर झूठे साबित हुए हुक्म सिंह

लेकिन द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन की शुरुआती जांच में ऐसे कोई संकेत नहीं मिल रहे. पिछले दिनों इलाहाबाद में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कैराना से हिंदुओं को कथित तौर पर भगाए जाने पर चिंता व्यक्त की थी.

शामली जिला प्रशासन का कहना है कि हुकुम सिंह द्वारा जारी सूची उसके पास है. शामली के एसपी विजय भूषण के मुताबिक इसमें हत्या के जिन मामलों का जिक्र है उनमें सिर्फ तीन ऐसे हैं जिनका संबंध जबरन वसूली से है और पुलिस इनमें 25 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है.

इस सूची के बारे में जानकारी मिलने के बाद शामली के जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने शुक्रवार को एसडीएम रामअवतार गुप्ता और डीएसपी भूषण वर्मा को मामले की जांच के आदेश दिए थे. वर्मा के मुताबिक अब तक की जांच बताती है कि सूची में शामिल चार व्यक्तियों की मौत 20 साल पहले ही हो गई थी. 13 लोग अब भी वहीं रह रहे हैं और 68 लोग बेहतर अवसरों की तलाश में कई साल पहले कैराना छोड़कर चले गए थे.

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वर्मा ने यह भी बताया कि अन्य नामों की पुष्टि का काम जारी है. शामली के जिलाधिकारी सुजीत कुमार का कहना है कि जिले की स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) ने भी कानून-व्यवस्था के चलते कैराना से लोगों के पलायन करने जैसी कोई रिपोर्ट नहीं दी थी.

गौर तलब है कि हुकुम सिंह ने 346 परिवारों की जो सूची जारी की है, उसमें हर परिवार के मुखिया का नाम और पता दर्ज है. इसमें यह भी बताया गया है कि कैराना छोड़ने से पहले वह परिवार क्या करता था. हुकुम सिंह ने आरोप लगाया था कि कैराना से हिंदू परिवारों का पलायन समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से शुरू हो गया था और 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद यह प्रक्रिया और तेज हो गई.

इससे पहले एनडीटीवी ने अपने इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट में यह उजागर किया था कि हुक्म सिंह ने जिन लोगों को पलायन करके कैराना छोड़के चले जाने का दावा किया था उनमें से कई नाम झूठे निकले. एनडीटीवी ने रैंडम जांच की थी और पाया था कि जिन परिवारों को कैराना छोड़ कर चले जाने की बात कही गयी थी उनमें से बहुत सारे अभ भी खुशी-खुशी अपने घरों में मौजूद हैं. हालांकि एनडीटीवी ने सभी 346 घरों का सर्वे नहीं किया था. उसने रैंडम सर्वे किया था जो कि अमूमन सर्वे का वैज्ञानिक तरीका माना जाता है.

By Editor


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