दोनों खेमों के नामांकन के बाद विधान सभा की लॉबी और परिसर से भीड़ छंटने लगी थी। राजद के मनोज झा व अशफाक करीम और कांग्रेस के अखिलेश सिंह पहले ही नामांकन कर चुके थे। इसके बाद भाजपा के रविशंकर प्रसाद और जदयू के महेंद्र प्रसाद व वशिष्ठ नारायण सिंह ने नामांकन किया। नामांकन के बाद एनडीए के तीनों उम्मीदवार सीएम कक्ष में पहुंचे। थोड़ी देर बाद भाजपा के रविशंकर प्रसाद सुशील मोदी और मंगल पांडेय के साथ सीएम कक्ष से बाहर निकले।
वीरेंद्र यादव, विधानसभा स्थित सीएम चैंबर से
इसी बीच हम सीएम चैंबर में पहुंचे और जगह देखकर कुर्सी पकड़ ली। चैंबर में महेंद्र प्रसाद, वशिष्ठ नारायण सिंह, ललन सिंह और आरसीपी सिंह भी मौजूद थे। इसी बीच एक अन्य पत्रकार आये और कुर्सी पर बैठते ही ‘बम’ फोड़ा- ‘जहानाबाद में आप लोग कैसा उम्मीदवार दे दिये हैं। कोई और उम्मीदवार नहीं मिल रहा था।’ वे एक सुर में ही बोलते जा रहे थे कि अचानक थम गये। मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने उन्हें पीछे की पंक्ति में बैठे एक व्यक्ति की ओर इशारा किया। पीछे बैठे व्यक्ति जहानाबाद में जदयू के उम्मीदवार अभिराम थे। पत्रकार ने अभिराम शर्मा को देखते ही थम गये।
बात आगे बढ़ी। जदयू उम्मीदवार किेंग महेंद्र की चर्चा हुई। एक पत्रकार ने कहा कि आज के बाद तो अब छह साल बाद ही नजर आएंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने चुटकी ली। अभी कहां जाएंगे ये। जब तक विदड्रॉ का समय समाप्त नहीं हो जाता है, कहीं नहीं जाएंगे। अगर हमने ही अपना समर्थन का प्रस्ताव ले लिया तो। फिर ठहाका। लेकिन मुख्यमंत्री की बात सुनते ही कुछ क्षण के लिए किंग महेंद्र का चेहरा उतर सा गया था। पर ठहाके में सीएम के शामिल होने से किंग महेंद्र ने भी राहत की सांस ली।
बात अशफाक करीम पर आयी। किंग महेंद्र की तरह वे भी कई ‘नाव’ की सवारी कर चुके हैं। सबसे पहले वे समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे। इसके बाद कई घाटों पर पानी पीने के बाद लालटेन की लौ तेज करने पहुंचे हैं। एक पत्रकार ने गिनाया- उम्मीदवारों में सबसे अमीर किेंग महेंद्र, इसके बाद अखिलेश सिंह और अशफाक करीम।
बातचीत में विधान परिषद के अस्तित्व पर भी चर्चा हुई। सीएम ने सिंगल चैंबर लेजिस्लेटिव की बात की वकालत की। उन्होंने ही गिनाया कि बिहार, कनार्टक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत सात या आठ राज्यों में ही विधान परिषद है। इसमें हमने जोड़ा कि आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में भी विधान परिषद है। इसी बीच एक कर्मचारी आया और उन्हें एक पर्ची दिखाया, जिसे पढ़ने के बाद वे चैंबर से बाहर निकले और इसके साथ धीरे-धीरे चैंबर खाली होने लगा।