राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में न्यायाधिशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर आज सवाल खड़ा करते हुए इसे प्रजातांत्रिक व्यवस्था के लिए ‘कालाधब्बा’ बताया और कहा इससे न्यायाधीशों की नहीं बल्कि उत्तराधिकारियों का चयन किया जाता है तथा इसे समाप्त करने के लिए यदि उन्हें जहर भी पीना होगा तो वह तैयार है।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री कुशवाहा ने पटना में पार्टी की ओर से आयोजित ‘हल्ला बोल-दरवाजा खोल’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में कॉलेजियम प्रणाली ठीक नहीं है और इसके दुष्परिणाम दिखाई भी पड़ रहे हैं। राष्ट्रपति ने भी न्यायिक व्यवस्था में सामाजिक प्रतिनिधित्व नहीं होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली लोकतांत्रिक व्यवस्था में काले धब्बे की तरह है। इससे न्यायाधीशों का नहीं बल्कि उत्तराधिकारियों का चयन किया जाता है। इस व्यवस्था में बदलाव हो इसके लिए पार्टी आम लोगों तक जायेगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले दिल्ली में इसी तरह का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें जाने माने कानून विशेषज्ञों के साथ ही बड़ी संख्या में बुद्धिजिवियों ने भी शिरकत की थी।
श्री कुशवाहा ने कहा कि इसी तरह का कार्यक्रम देश की सभी राजधानियों में आयोजित किया जाएगा और लोगों को कॉलेजियम प्रणाली की जानकारी से अवगत कराया जायेगा। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया और उनके अधिकार को लेकर संविधान बनाते समय भी इसपर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश को ही नियुक्ति का अधिकार दे दिया जाये तो इसके क्या परिणाम होंगे इसपर संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर ने भी उस समय कहा था। इससे कोई भाग नहीं सकता है। इसके लिए सरकार और जनता को मिलकर प्रयास करना होगा, तभी मानव का कल्याण संभव है।