बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष मंजु बाला( Manju Bala) ने कोरनटाइन सेंटरों पर भूख, कुपोषण और बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे प्रवासियों के मामले में नीतीश सरकार को घेरा है.
मंजु बाला ने कहा कि बिहार सरकार कोरोंटिन के नाम पर खिलवाड़ कर रही हैं। कोरनटाइन सेंटर पर भी सोशल डिस्टेंस का ना तो पालन हो रहा है ना ही प्रवासियों को उचित सुविधा मुहैया हो रही हैं। प्रवासियों को खाना सही नहीं दिया जा रहा है।बहुत से केंद्र पर प्रवासियों ने अनशन ऑर आंदोलन भी करने को मजबूर है औऱर यह अनवरत जारी हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया इस वक़्त सदी के सबसे बड़े महामारी से जुझ रहा हैं।बिहार के लाखों प्रवासी मजदूर बाहर समस्याओं से जुझ रहें हैं। बिहार सरकार उन प्रवासियों को व्यापक रूप से बिहार नहीं ला रही हैं। जिनको ला रही हैं उसमे भी सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा हैं। जिससे संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ रहा है।
मंजु बाला ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोरनटाइन सेंटरों पर खाने में कीड़ा मिलने की शिकायते बहुत धड़ले से आ रही हैं। बहुत जगह प्रवासियों की हालत बदतर हैं।उनको सरकार कुपोषित खाना तो दे रहीं है परन्तु उन प्रवासियों के घरों के लोग जो अपने कोरोंटिन सदस्य पर निर्भर हैं वो भुख से संघर्ष कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन समस्याओं के समाधान के मामले में पूरी तरह से नाकाम है.
एक भुख से व्याकुल मां , पत्नी ऑर बच्चे अपने कोरोंटिन परिवार के सदस्य के सकुशल घर वापसी की आस लगाए बैठे है ताकि वो सदस्य सकुशल घर वापसी कर अपने श्रम से उनको खाना दे ऑर परिवार का भरण पोषण कर सकें।
मंजु बाला ने आरोप लगाया कि जो प्रवासी मजदुर स्वस्थ्य थे वो अव्यावहारिक तरीके से सरकार द्वारा लाने पे सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं होने से संक्रमित हो जा रहे हैं । सरकार कोरोंटिन के नाम पर केवल खाना पूर्ति कर रही हैं। अस्पतालों में प्रयाप्त सुविधा नहीं। प्रयाप्त डॉक्टर भी नहीं हैं ताकि प्रवासियों का सही जांच हो सके।
पी पी किट औऱर सुरक्षा के साधन की कमी के कारण ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं। पुलिस के जवान भी संक्रमित हो रहे हैं ,उनको होटल में कोरोंटिन के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही हैं।
मंजु बाला ने कहा कि सेवा में लगे कर्मचारियों को सुरक्षा के साजो-समान नहीं दिया जा रहा है फलस्वरूप वो भी संक्रमित हो रहें हैं। बिहार सरकार अपनी साख बचाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ रहीं हैं औऱ गलत आंकड़ा जारी कर रहीं हैं। मजदूर भुखे पैदल ही रेल लाइन और हाईवे से अपने गंतव्य तक निकल पड़े हैं जिससे उनकी जाने जा रही हैं।