पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में फर्जी डिग्री पर बहाल स्कूली शिक्षकों को आज अंतिम मौका देते हुए कहा कि यदि वे सात दिनों के अंदर नौकरी से खुद इस्तीफा दे देते हैं तो उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जायेगी ।
मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सिंह की खंडपीठ ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो दिनों के अंदर मीडिया में यह नोटिस प्रकाशित कराने का निर्देश दिया है कि जो भी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक जाली डिग्री पर बहाल हुए हैं। वे यदि सात दिनों के अंदर स्वयं नौकरी से इस्तीफा दे देते हैं तो सरकार उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई या मिले वेतन की भी वसूली नहीं करेगी ।
इससे पूर्व याचिकाकर्ता रंजीत पंडित की ओर से अदालत में कहा गया कि बिहार में बड़ी संख्या में जाली डिग्री पर सरकारी विद्यालयों में शिक्षक काम कर रहे हैं। इसपर राज्य सरकार ने कहा कि शिक्षकों की डिग्री और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है । राज्य में 2006 से अब तक करीब तीन लाख शिक्षकों की बहाली हुई है । सभी की डिग्री की जांच में समय लगेगा । जांच में जिन शिक्षकों की डिग्री फर्जी पायी जा रही है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है ।