नये मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सामने सवाल  है कि वह एक मामले में फरार अपने मंत्री विनय बिहारी से इस्तीफा लेते हैं या नहीं, क्योंकि तब नीतीश कुमार ने एक आरोप में 24 घंटे के अंदर मांझी से इस्तीफा ले लिया था.

विनय बिहारी के इसी कैसेट पर हुआ था केस
विनय बिहारी के इसी कैसेट पर हुआ था केस

विनायक विजेता की रिपोर्ट

नए मुख्यमंत्री बने जीतन राम मांझीं को शायद यह याद नहीं की नीतीश कुमार के पहले शासनकाल में कैबीनेट मंत्री पद का शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर उन्हें नीतीश के कहने पर इसलिए त्यागपत्र दे देना पड़ा था क्योंकि वे तब एक घोटाले के मामले में आरोपित थे। हालांकि उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुआ था और वह फिर से मंत्री बना दिये गये थे.

जीतन राम मांझी सरकार में शामिल लौरिया के निर्दलीय विधायक सह कला संस्कृति मंत्री विनय बिहारी भी आरा की एक अदालत द्वारा फरार घोषित हैं।

विनय बिहारी सहित 13 लोगों पर वर्ष 2008 में आरा निवासी सह भोजपुरिया समाज के अध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह ने आरा के सीजेएम कोर्ट में एक परिवाद पत्र (448/2008)दायर किया था। यह परिवाद पत्र विनय बिहारी व अन्य द्वारा टी-सीरीज कंपनी द्वारा निकाले गए होली के भोजपूरी गीत के एक कैसेट व सीडी ‘फटाफट डालेला’ के खिलाफ दायर किया गया था जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि इसमें अश्लीलता परोसी गई है।

अदालत में मामला

इस मामले में तब बिनय बिहारी, टी-सीरीज कंपनी के निदेशक दर्शन कुमार, गायक राधेश्याम रसिया,, खुशबू जैन, शोभा मिश्रा, महेश परदेशी, लवली शर्मा, जप्पन जाफरी, राकेश राज, काजल, खेसारी लाल यादव एवं शौलेश सागर को आरोपित किया था। इस मामले में आरा की अदालत ने 6 जुलाई 2010 को संज्ञान लेते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में हाजिर होने का सम्मन जारी किया।  अदालत में शुरु हुए ट्रायल संख्या 1611/2011 में अभियुक्तों के अदालत में हाजिर नहीं होने की स्थिति में पहले अदालत ने जमानती वारंट और फिर 29 जून 2012 को गैरजमानती वारंट जारी किया। इसके बावजूद जब आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो अदालत ने सारे आरोपितों को फरार मानते हुए 16 ज़लाई 2013 सारे आरोपितों की संपत्ति कूर्क करने का आदेश जारी किया।

भोजपूर के तत्कालीन एसपी ने 20 सितम्बर 2013 को उस कुर्की के तामिला के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र भेजा। पुलिस रिकार्ड में तब के भोजपुरी गायक और जीतन राम मांझी सरकार में कला-संस्कृति मंत्री बनाए गए विनय बिहारी अब तक फरार हैं।prabhat

 अंजान हैं विनय बिहारी ?

इधर मंत्री बनाए गए विनय बिहारी ने सफाई दी है कि उन्हें इस केस के बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं है. पर हकीकत यह है कि विनय बिहारी ने इस मामले को खारिज करने के लिए पटना हाइकोर्ट में 10 अक्टूबर 2012 को एक अर्जी भी दी थी जिसका केस नंबर सीआर-मिसलेनियस 49241/2012 है जिस अर्जी को हाइकोर्ट ने निचली अदालत में सरेडर कर जमानत लेने का आदेश देते हुए खारिज कर दिया था.

इसके बावजूद विनय बिहारी यह बयान दे रहें हैं कि उन्हें इस केस के बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं है। बहरहाल अब देखना यह है कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को अपनी कैबिनेट का मंत्री बनाए जाने के 24 घंटे के अंदर उनसे इस्तिफा ले लिया था क्या वही जीतन जो अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं वे नीतीश कुमार के सिद्धांतो और आदर्शो को बरकरार रख विनय बिहारी से इस्तीफा लेते हैं नहीं?

 

By Editor


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