दैनिक भास्कर से प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार कर रहे पटना के दूसरे अखबार क्या नर्वसा गये हैं? अगर नहीं तो यह ब्लंडर उनकी जानकारी पर सवाल खड़ा करता है.आप भी देखेंJAGRAN1

जागरण ने एक भयानक तथ्यात्मक भूल करते हुए नैयर हसनैन खान को मगध का डीआईजी बता दिया है. जबकि नैयर हसनैन खान छह महीने पहले बदले जा चुके हैं. हसनैन पिछले जुलाई में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं.

जागरण की इस भूल को इसलिए भी क्षम्य नहीं माना जा सकता क्योंकि डीआईजी स्तर के आला अधिकारी के नाम का मामला है कोई दारोगा या इंस्पेक्टर का नहीं.और दूसरा यह कि उनका तबादला कोई दस या पंद्रह दिन पहले नहीं बल्कि छह महीने पहले हुआ था.

जागरण के पटाना एडिशन के पेज नम्बर 11 पर 4 कॉलम में प्रमुखता से छपी इस खबर का शीर्षक है – “नक्सलियों का नेटवर्क तोड़ेगी पुलिस” यह खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में नक्सलियों द्वारा 8 पुलिसकर्मियों को लैंडमाइन ब्लास्ट में हत्या कर देने के संबंध में है. घटना औरंगाबाद की है और अंतरराष्ट्रीय सुर्खी बनी है. खबर में जागरण लिखता है- “घटना के बाद ( पुलिसकर्मियों को बम से उड़ाने के बाद) पटना प्रक्षेत्र के डीआईज सुशील एम खोपड़े, आईजी आप्रेशंस अमित कुमार, मगध डीआईजी नैयर हसनैन खान समेत अनेक अधिकारी कैंप( घटना स्थल पर) कर रहे हैं. सवाल यह है कि क्या जागरण ने घटनास्थल पर नैयर हसनैन खान को कैंप करते हुए देखा है? और क्या नैयर हसनैन खान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौट कर फिर मगध के डाईजी बना दिये गये हैं?

एक तरफ पटना में दैनिक भास्कर के आगमन के पहले बिहार के अखबारों में हड़कम्प मचा है और वे उसके भय से अपनी कीमतें कम कर चुके हैं दूसरी तरफ भास्कर से प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार करने में लगे हैं. वहीं इस तरह का ब्लंडर करके अखबार अपनी मिट्टी पलीद करने में लगे हैं.

By Editor


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