बीते वर्ष जहानाबाद में अपने आवास पर संदेहास्पद रुप से फांसी के फंदे पर झूलती पाई गई तत्कालीन उत्पाद अधीक्षिका रेणू कुमारी की रहस्यमय मौत की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई इससे पुलिस खुद शक के दायरे में है.
विनायक विजेता की रिपोर्ट
पिछले महीने रेण कुमारी के पति जो खुद एक आला अधिकारी हैं पुलिस छानबीन से इतने आहत हैं कि वह इस मुद्दे पर बात करते हुए फफक पड़े.
इस मामले में रेणु की मित्र रही मोनी कुमारी (बदला नाम) ने झारखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर तैनात रेणू कुमारी के पति वैभव कुमार के मोबाइल पर फोन किया और उन्हें धमकी दी। वैभव ने इस धमकी के संदर्भ में उच्चधिकारियों को भी सूचना दी है।
एक सरकारी महिला अधिकारी की संदेहास्पद मौत के मामले का एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद जहानाबाद पुलिस का अबतक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचना और जांच की धीमी प्रक्रिया इस मामले में लीपापोती का संकेत दे रही है। इधर रेणू कुमारी के पति अपनी पत्नी की मौत मामले में जहानाबाद पुलिस को पार्टी बनाते हुए इस मामले में पटना हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है जिसपर कोर्ट पुलिस से जवाब मांगा था।
हाईकोर्ट में शिकायत
पुलिस द्वारा बाद में कोर्ट में इस मामले में दाखिल काउंटर एफेडेविट को हाइकोर्ट ने निरस्त करते हुए ग्रीष्माअवकाश के बाद कोर्ट खुलने के सात दिनों के अंदर इस मामले में अबतक की हुई जांच की प्रतिदिन की प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की है। अपनी पत्नी की पहली बरसी (पूण्यतिथि) मनाने पिछले माह पटना आए वैभव कुमार और उनके पिता फफक पड़े। बैभव का दावा है कि शराब माफियाओं के इशारे पर उनकी पत्नी की हत्या की गई है जिस साजिश में उनकी पत्नी को दीदी कहने वाली मोनी और पटना के ही एक युवा शराब माफिया उसका दोस्त जिसके साथ वह अक्सर देखी जाती है का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप स हाथ है।
पुलिस ने रेणू कुमारी की मौत के बाद उनके शरीर की रक्त कोशिकाओं की जांच के लिए उसका सैंपल हैदराबाद भेजा था जहां से जांच रिपोर्ट दो माह पूर्व ही आ गयी जिस रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय ने जहानाबाद के एसपी को भेज दिया था। पर जहानाबाद की एसपी शायली धूरत ने यह टिप्पणी लिखते हुए उस रिपोर्ट को फिर से मुख्यालय भेज दिया कि ‘रिपोर्ट में कुछ भी क्लिीयर नहीं है।’
इसके बाद से इधर सूत्रों के अनुसार मोनी जक्कनपुर के जिस किराए के मकान में रहती है उसके मालिक पटना के एक प्रतिष्ठित शराब व्यवसायी हैं। मोनी के क्रियाकलापों और अक्सर उसके घर में एक शराब माफिया की उपस्थिति से क्षुब्ध होकर उन्होंने मोनी के पिता का इस माह के अंत तक मकान खाली कर देने का अल्टीमेटम दे दिया है।
बहरहाल इस पूरे मामले पर लीपापोती की पुलिसिया साजिश खुद ही पूरे मामले की एक अलग कहानी कह रहे हैं। बिहार की पुलिस और उसके अधिकारी जब बिहार सरकार के ही एक जाबांज महिला अधिकारी की मौत के रहस्य पर पड़े पर्दे को नहीं उठा पा रहे तो आम लोग ऐसे मामलों में पुलिस से क्या उम्मीद कर सकते हैं।