Prashant Kisore,Nirmal Khattri and Madusudan Mistry at a meeting at UPCC office in Lucknow on Thursday. Express Photo By Pramod Adhikari

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी प्रशांत किशोर को बिहार रास नहीं आ रहा है। अब वे नये आशियाने की तलाश कर रहे हैं। लगता है उनकी तलाश पूरी भी हो गयी है। वे 2017 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए कांग्रेस का कैंपेन संभालेंगे। इसकी पृष्ठभूमि भी तैयार हो गयी है। कांग्रेस नेताओं के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी है और नेताओं को निर्देश भी जारी कर चुके हैं।

Prashant Kisore,Nirmal Khattri and Madusudan Mistry at a meeting at UPCC office in Lucknow on Thursday. Express Photo By Pramod Adhikari
लखनऊ में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करते प्रशांत किशोर

 

वीरेंद्र यादव

 

वैसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या प्रशांत किशोर सीएम नीतीश कुमार के परामर्शी का पद छोड़ देंगे? प्रशांत की कार्यशैली के कायल नीतीश कुमार ने पहले उन्हें अपना परामर्शी बनाया और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया। प्रशांत के परामर्श से ही ‘बिहार विकास मिशन’  बनाया गया,  जिसमें पूरी सरकार समाहित है। यानी मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक सभी इसके सदस्य हैं। सभी मंत्री और सचिव व प्रधान सचिव भी मिशन के हिस्सा हैं। मिशन की पूरी ताकत अप्रत्यक्ष रूप से प्रशांत किशोर को सौंप दी गयी है। दूसरे शब्दों में सरकार से भी बड़ी संस्था बन गया बिहार विकास मिशन। लेकिन इस संबंध में जारी अधिसूचना में मिशन की जिम्मेवारी (काम) और जवाबदेही (किसके प्रति जवाबदेह है) की कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं है। सरकार अपने कामों के लिए विधानसभा के प्रति जवाबदेह है, लेकिन मिशन की ऐसी कोई जवाबदेही तय नहीं है।

 

बिहार की कमाई से यूपी में कर रहे बिजनेस ! 

कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्ति को जनता की गाढ़ी कमाई से वेतन, भत्ता, बंगला और गाड़ी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रशांत किशोर अब बिहार की कमाई से यूपी में कांग्रेस की राजनीति करेंगे। इस संबंध में प्रशांत किशोर ने सीएम या कैबिनेट सचिवालय विभाग को जानकारी दी है या नहीं, इस संबंध में कोई सूचना नहीं है। लेकिन इतना तय है कि उन्होंने यूपी में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल ली है। तो फिर बिहार विकास मिशन का क्या होगा? सीएम नीतीश कुमार के संकल्पों (सात निश्चय) का क्या होगा? क्या प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के परामर्शी का पद छोड़ देंगे? सीएम नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच परामर्शी के पद संभालने के पूर्व किन शर्तों पर समझौता हुआ था, यह तो वही लोग जानें। लेकिन बिहार की जनता यह जरूर जानना चाहती है कि बिहार सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त व्यक्ति किस हैसियत से यूपी की राजनीति में कांग्रेस की कमान संभाल रहा है। प्रशांत किशोर की अपनी व्यावसायिक प्रतिबद्धता हो सकती है, लेकिन बिहार से प्राप्त वेतन-भत्ते पर यूपी की राजनीति करने को उचित नहीं कहा जा सकता है।

 

By Editor


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