विधायक नवल यादव साफ छवि के नेता रहे हैं लेकिन अवैध शराब बिक्री मामले में उनके भाई के पकड़े जाने के बाद पुलिस उनपर भी शिकंजा कस रही है.
विनायक विजेता
पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के राजद के एमएलसी नवल किशोर यादव पर बीते दिनों दर्ज की गई प्राथमिकी आम के सास-साथ खास क्षेत्रों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. गौरतलब है कि सचिवालय पुलिस ने नया सचिवालय के पास स्थित नवलकिशोर यादव के मंझले भाई विजय यादव के होटल ‘भवानी मिष्टान’ भंडार में छापेमारी कर शराब बरामद किया था. इस मामले में विजय यादव के साथ विधान पार्षद नवल किशोर यादव को भी आरोपित कर दिया गया जबकि कि नवल किशोर यादव का दावा है कि उनका अपने भाई की दूकान से कुछ लेना-देना नहीं.
तीन भाइयों में सबसे बड़े भाई नवल किशोर यादव लगातार तीन टर्म से पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद चुने जाते रहें र्हैं. उनकी छवि भी ना तो कभी विवादित रही और ना ही उनपर कभी कोई संज्ञेय आपराधिक मामला दर्ज हुआ। सूत्र बताते हैं कि काफी वर्ष पूर्व ही विधान पार्षद का अपने भाइयों से बंटवारा हो चुका है. उनका एक भाई मोहनपुर में तो एक भाई पुनाईचक में रहता है.
सबसे छोटे भाई छोटू का हड़ताली मोड़ के पास ‘मधुबन होटल एंड बीयर बार’ के नाम से रेस्टुरेंट है. यह सही है कि पार्षद के जिस भाई की दुकान से पुलिस ने शराब बरामद किया उसके पास ही नवल किशोर यादव का कार्यालय है पर इस वजह से किसी को आरोपित नहीं किया जा सकता.
इस मामले में नवल किशोर यादव का कहना है कि उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया जा रहा है.
कुछ माह पूर्व नवल किशोर यादव ने कुछ वजहों को लेकर पार्टी विरोधी बयान दिया था जिसके कारण राजद ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया. इसके बाद से ही नवल किशोर यादव पर जदयू में शामिल होने के लिए डोरे डाले जाने लगे. यहां तक कि पिछले कुछ दिन पूर्व जब वह अपने पिता को लेकर दिल्ली जा रहे थे तब भी जदयू के एक बड़े नेता का दबाव उनपर पड़ा पर उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह किसी किमत पर लालू प्रसाद का साथ नहीं छोड़ेंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर नवल किशोर यादव ने भी यह स्वीकार किया कि उनपर जदयू में शामिल होने का दबाब था.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ‘अगर नीतीश कुमार के भाई दवाई बेचते हों और उस दवा से कोई मरीज की मौत हो जाती है तो प्राथमिकी क्या नीतीश कुमार पर दर्ज होगी या दवाई बेचने वाले उनके भाई पर।’
पुलिस को उन कारणों का खुलासा करना चाहिए जिन कारणों से एक जुझारु जनप्रतिनिधि को अवैध रुप से शराब बिकवाने के मामले में शामिल कर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है.
इधर एसएसपी मनु महाराज ने इस बाबत पूछे जाने पर दावा किया कि इसमें विधान पार्षद नवल किशोर यादव की पुरी संलिप्तता है और उन्हीं के आदेश से अवैध रुप से होटल में शराब परोसी भी जा रही थी और बेची भी जा रही थी जिसका प्रमाण पुलिस के पास है और वक्त आने पर पुलिस उस साक्ष्य को अदालत में पेश करेगी.