मुलायम सिंह की सख्त टिप्पणियों के बाद अखिलेश सरकार काफी सतर्क हो गई लगती है.इसने नौकरशाहों के तबादले की सूची को रद्द करके यही आभास दिलाया है.
अनुराग मिश्र, लखनऊ से
माना जा रहा है कि तैयार तबादला सूचि में करीब बीस ऐसे अफसरों के नाम हैं जिन पर अभी सर्वसम्मति नहीं बन पायी थी जिसके चलते मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रस्तावित तबादला सूचि पर रोक लगा दी है. सूचना है कि अब दोबारा अधिकारीयों की तबादला सूचि बनायीं जाएगी.
संभवावना है कि नई सूची फरवरी के प्रथम सप्ताह में आएगी.
पिछले दिनों मुलायम ने अखिलेश सरकार पर नौकरशाहों को बेलगाम छोड़ने के लिए घुड़की लगाई थी
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गौरतलब हो कि प्रदेश में पीसीएस से आईपीएस संवर्ग में 61 अधिकारीयों की प्रोन्नति होनी थी. इसके अतिरिक्त कई आईपीएस अधिकारीयों की भी प्रोन्नति होनी थी जिनमे कुछ को पुलिस अधीक्षक से पुलिस उप-महानिरक्षक और कुछ को पुलिस उप-महानिरक्षक से पुलिस महानिरक्षक के पद पर प्रोन्नत होना था.
लेकिन इससे पहले कि ये सूचि मुख्यमंत्री फ़ाइनल कर पाते, इस लिस्ट को लेकर तमाम आरोप लगने लगे. शासन को उच्च स्तर पर इस लिस्ट में गड़बड़ी के संदर्भ में सूचना मिली और आरोप लगा की निचले स्तर पर कुछ अधिकारीयों ने सेटिंग करके लिस्ट अपने अनुरूप तैयार करवाई है.
सूत्रों से मिल रही सूचना के अनुसार बार बार लग रहे आरोपों के बाद अंततः मुख्यमंत्री ने इस पूरी लिस्ट पर रोक लगा दी और नए सिरे से लिस्ट बने के आदेश दिए है जिसके बाद शासन स्तर पर नयी सूचि बनाने का काम शुरू हो गया है.
हलाकि इस संदर्भ में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
इस बीच उन अधिकारीयों की धड़कन काफी तेज़ हो गई है जिन्होंने काफी जोड़-तोड़ के बाद मौजूदा सूची और मन चाहा स्थान पक्का करवाया था. इन अधिकारीयों को डर है कि नई तबादला सूचि में उनका नाम होगा कि नहीं.
हलाकि सूत्रों पर विश्वाश करे तो इन अधिकारीयों ने अपनी जोड़ तोड़ की राजनीत दोबारा से शुरू कर दी है और इस कोशिश में लगे हुए कि नई सूचि में भी वो अपने मन माफिक जगह पाने की कोशिश में हैं. ऐसे में ये देखना रोचक होगा कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में आने वाली तबादला और प्रोन्नति सूची को मुख्यमंत्री अखिलेश कितना निष्पक्ष रखा पाते है ?