भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने बेटे अर्जित शाश्वत चौबे पर प्राथमिकी को लेकर पुलिस प्रशासन पर हमला बोला. उन्होंने कहा एफआईआर को कचरा बताते हुए कहा कि प्राथमिकी कचरा का टुकड़ा है, जो क्षेत्र के भ्रष्ट अधिकारी द्वारा दर्ज किया गया है. मेरे बेटे ने कोई गलती नहीं की है.
नौकरशाही डेस्क
वहीं, खुद अर्जित शाश्वत चौबे ने कहा कि वह बिहार के भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा को उकसाने के आरोपों पर उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करेंगे. उन्होंने आत्मसमर्पण करने से इनकार करते हुए कहा कि जब पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आयेगी, तो पुलिस को सहयोग भी करूंगा. मुझे भारतीय न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है. मैं न्यायालय की शरण में हूं. मैं कहीं गायब नहीं हो गया हूं. समाज के बीच में हूं. खोजना उन्हें पड़ता है, जो गायब हो गये हों.
गौरतलब है कि कि भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे की गिरफ्तारी नहीं होने बिहार में राजनीतिक पारा चरम पर है. जहां एक ओर अर्जित शाश्वत चौबे को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही चाइलेंज कर दिया है, जो तो दूसरी ओर वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि नीतीश कुमार से पूछा जाना चाहिए कि ये क्या हो रहा है. पुलिस क्या कर रही है. पुलिस के पास अरेस्ट वारंट है उसे गिरफ्तार करना चाहिए.