खगड़िया में अधिकार यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले की जांच पूरी होगई है. इस मामले में जिले के एसपी पर कार्रवाई हो सकती है.
हंगामे में पुलिस के स्तर पर प्रशासनिक चूक हुई या नहीं, इसकी जांच के बाद आईजी सुनील कुमार ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है.
आईजी की जांच में इस बात पर सवाल उठआये गये हैं कि पुलिस के संज्ञान में पूर्व से जब हंगामे की जानकारी थी तो फिर इस तरह की घटना को नियंत्रित रखने के कोई ठोस उपाय क्यों नहीं किये गये.
जानकारी के बावजूद खगड़िया पुलिस की संवेदनशीलता पर भी सवाल किये जाने लगे हैं. आखिर किस तरह घटना के अगले दिन खगड़िया के एसपी सात दारोगा और चार जवानों को निलंबित कर दिया?
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस बाबत आईजी की रिपोर्ट गृह विभाग को भी उपलब्ध कराई गई है.गृह सचिव के स्तर से इस मामले में कुछ फैसले की संभावना है.
खगड़िया में मुख्यमंत्री के अधिकार यात्रा के दौरान भारी उत्पात और आगजनी की घटनायें हुईं थीं. अधिकार यात्रा के दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को काले झंडे दिखा कर विरोध भी किया था.
गृह विभाग में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि रिपोर्ट की समीक्षा के बाद खगड़िया के पुलिस कप्तान की छुंट्टी हो जाए. उनसे स्पष्टीकरण भी पूछा जा सकता है.
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी वैसे इस मामले पर अभी कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं. उन्हें खगड़िया की घटना की जांच को ले मुजफ्फरपुर के रेल एसपी एसके झा के नेतृत्व में गठित एसआईटी की रिपोर्ट का इंतजार है.