दस सर्कुलर रोड यानी लालू यादव का आवास। पिछले तीन दिनों से खबरों का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। बडे-बड़े ‘अड्डेबाज’ सुबह से देर रात तक खबरों का चारा के लिए टकटकी लगाए रहते हैं। गेट की आवाजाही पर सबकी नजर रहती है और लालू यादव की नजर रहती है गेट के बाहर लगे सीसीटीवी के कैमरे के स्‍क्रीन पर। सीसीटीवी के कमरे के माध्‍यम से वह गेट के बाहर खड़े पत्रकारों की गतिविधियों पर निगाह रखते हैं। हालांकि उन्‍होंने सभी सुरक्षा गार्डों और अन्‍य कर्मचारियों को निर्देश दे रखा है कि गेट के बाहर पत्रकारों के साथ ‘गलथेथरी’ नहीं करें।

वीरेंद्र यादव

 

आज सर्वोच्‍च न्‍यायालय में लालू यादव से जुड़े मामले की सुनवाई होने वाली थी। इस कारण किरण फूटने के साथ ओबी वैन के साथ पत्रकार पहुंच गये। 9 बजते-बजते आधा दर्जन से ज्‍यादा ओबी वैन लग चुके थे। अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। इस बीच अंदर से कुछ पत्रकारों को बुलाया गया। करीब तीन पत्रकार अंदर पहुंचे। इससे बाहर माहौल गरमाया कि लालू यादव कुछ बोलने वाले हैं। लेकिन लालू यादव ने बोला कम और सुनाया ज्‍यादा। उन्‍होंने पत्रकारों से कहा कि सुबह से तुम लोग दरवाजे पर जमे हो। थक गये होगे। चाय पीओ। इस बीच लालू यादव ने पत्रकारों को अपनी वेदना सुनायी। पत्रकारों ने भी मरहम लगाने की कोशिश की।

 

दस नंबर छोड़ने को कोई तैयार नहीं

थोड़ी देर बाद पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी का दरबार में इंट्री हुआ। इसके बाद पत्रकारों की विदाई हुई। चाय का स्‍वाद लेने के बाद बाहर आये पत्रकारों ने अंदर का ‘संवाद’ सुनाया। लेकिन इसमें कोई खबर नहीं थी। चाय जरूर दूध वाली मिली थी, लेकिन माहौल ‘कसैला’ ही था। जैसे-जैसे फैसले का समय नजदीक आ रहा था, पत्रकारों की संख्‍या बढ़ती जा रही थी। फैसला आने के बाद भीड़ और बढ़ गयी। लेकिन दस नंबर से खबरों का कोई ‘चारा’ नहीं मिला। उधर पत्रकार भूखे-प्‍यासे ‘बे-चारा’ बने रहे। इस डर से दस नंबर से हटने को तैयार नहीं थे कि लालू यादव ‘चारा’ छोड़ गये तो कोई दूसरा सहयोगी न चर जाए। आशंका भी जायज थी। लालू यादव कब पत्रकारों को अंदर बुलवा लें, कोई नहीं जानता।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427