पिछले आठ महीने से पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे आईएएस अफसर दीपक आनंद के ठिकानों पर निगरानी का छापा पड़ा है. खबरों के अनुसार इस दौरान करोड़ों की सम्पत्ति का पता चला है. छापेमारी निगरानी के आईजी रत्न संजय के नेतृत्व में की गयी.
ये छापेमारी तीन स्थानों पर की गयी. दीपक पिछले अप्रैल से पटना के सर्किट हाउस के रूम 206 में रह रहे हैं. इस रूम के अलावा उनके पैतृक घर सीतामढ़ी और ससुराल गोड्डा में भी सर्च किया गया. उनके खिलाफ आय से ज्यादा की सम्पत्ति का केस दर्ज किया गया है.
करोड़ों की सम्पत्ति
छापामारी बुधवार को देर रात तक चली. निगरानी का कहना है कि दीपक की कुल आमदनी से 13 गुणा ज्यादा की सम्पत्ति का पता चला है. अभी तक एक करोड़ 76 लाख की दौलत का पता चला है. निगरानी के सूत्रों का दावा है कि पटना के पाटलिपुत्र मॉल में दो शाप का पता चला है. एक दुकान को 2011 में 50 लाख में, जबकि दूसरी दुकान 2016 में एक करोड़ 60 लाख रुपये में खरीदी गयी.
उधर सीतामढ़ी के पैतृक आवास पर हुई छापामारी में जेवरात, बैंक लाकर, दस से ज्यादा बैंक खाते, 24 लाख रुपये का किसान विकास पत्र, 28 लाख रुपय का पोस्टल जमा और 30 लाख से ज्यादा के जेवरात का पता चला है.
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दीपक आनंद 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं. पिछले अप्रैल तक वह छपरा के डीएम थे. वहां से उनका ट्रांस्फर कर दिया गया और फिलहाल वह पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं. संभावना जताया जा रहा था कि उनकी पदस्थापना जनवरी के आखिरी सप्ताह में होने वाली थी.
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