दिल्ली के पुलिस प्रमुख नीरज कुमार की कुर्सी खतरे में है.समझा जाता है कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे उनके तौर तरीके से काफी खफा है. गृहमंत्रालय के आला अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं.
पिछले दिन प्रदर्शनकारियों का जत्था शिंदे के घर में घुस आया था इसके अलावा हाल ही में ममता बनर्जी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी उनकी नाराजगी है.
1976 बैच के आईपीएस अधिकारी यूं तो तेज तर्रार अधिकारी माने जाते हैं पर हाल के दिनों में पुलिस की लागातार हो रही फजीहत उनके नेतृत्व क्षमता को कटघरे में खड़ी करती है.
गृहमंत्री शिंदे का कहना है कि हालिया घटनाओं की जांच की जा रही है और रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.मामले की जांच गृहमंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा करायी जा रही है.
दिल्ली में एक नाबालिग बच्ची के साथ रेप के बाद पुलिस के व्यवहार से भी दिल्ली पुलिस की की छवि और बिगड़ी है.
नीरज कुमार की कर्सी पर पिछले साल दिसम्बर से ही खतरे में बतायी जाती है. इससे पहले पिछले साल दिसम्बर में चर्चित बलात्कार मामले को लेकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इतना खफा थीं कि उन्होंने पुलिस कमिसनर नीरज कुमार से इस्तीफा देने की मांग कर दी थी. इस बहुचर्चित मामले में भी दिल्ली पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.
शीला दीक्षित और नीरज कुमार के बीच की दूरियां पिछले नवम्बर से ही बढ़नी शुरू हो गयी थी. सीबीआई निदेशक के पद पर नियुक्ति के समय भी नीरज ने खुद को इग्नोर किये जाने का आरोप लगाया था.
इधर दिसम्बर में भी नीरज को हटाये जाने की बात काफी जोर शोर से उठी थी लेकिन बात आयी गयी रह गयी. लेकिन इस बार गृहमंत्रालय ने ताजा मामलों की जांच के जिस तरह आदेश दिये हैं उससे स्थितियां पलट सकती हैं.
हलांकि एक प्रभावी आईपीएस अधिकारी के साथ साथ नीरज कुमार के राजनीतिक रसूख भी कम नहीं है. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला और निखिल कुमार से उनकी कुरबत के अलावा भाजपा के टॉप नेतृत्व में उनकी पहुंच की बात जग जाहिर है.