बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतन राम मांझी की नैया बीच मझधार में आज उस वक्त डूब गई, जब उनके खिवइयों ने ही उनका साथ छोड़ दिया। यानी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा में चल रही अंदरुनी कलह खुलकर सामने आ गयी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
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नौकरशाही डेस्क
वृषिण पटेल चंदे के पैसे में कर रहे सेंधमारी
आपको बता दें कि आज सुबह सबसे पहले दानिश रिजवान ने मांझी की पार्टी हम के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और इसका ठीकरा पूर्व मंत्री और हम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल पर फोडा। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा –
विगत कुछ दिनों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल के द्वारा अपने चंद लोगों के साथ मिलकर न केवल दल विरोधी कार्य किया जा रहा है बल्कि पैसे की लूट मची हुई है। दल का कार्यकर्ता अपनी गाढ़ी कमाई को अपना पेट काटकर चंदे के रूप में पार्टी को देता है परन्तु बार-बार आपके चेतावनी देने के बावजूद अपने कुछ लोगों के साथ मिलकर प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल उस चंदे के पैसे में सेंधमारी कर रहे हैं।
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देता हूं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा
उन्होंने आगे लिखा – महोदय मैंने आपके सानिध्य में राजनीति सीखी है,आपने हमेशा गरीबों के हक़-हक़ूक की बात कही है परन्तु जब अपने ही दल का प्रदेश अध्यक्ष दल के पैसे का बंदरबाँट करें वह कहीं से उचित नहीं। महोदय मैं आपके साथ उस वक्त जुड़ा जब आप मुख्यमंत्री पद से इस्तिफा देकर वापस लौटे थें और अपने कक्ष में अकेले बैठकर विधानसभा की कार्यवाही देख रहें थें।उस वक्त वृषिण पटेल सरीखे नेता विधानसभा में जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के पक्ष में मतदान कर रहें थें जिससे आप आहत थें।
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उस समय से लेकर आजतक मैं आपके साथ हर दुख-सुख में रहा,आपके हर निर्णय में आपके साथ रहा,कभी अपनी किसी इच्छा को व्यक्त नहीं किया,दल का एक सिपाही बनकर रहा परन्तु दुख तब होता है जब मैं यह देखता हुँ कि कुछ लोग मिलकर मेरे घर को दीमक की तरह चाट रहें हैं और सबकुछ जानते हुए भी उनलोगों पर हम कोई कारवाई नहीं कर पा रहें।महोदय मेरे रहते हुए मेरे घर को तोड़े यह मैं कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसी स्तिथि में मैं तमाम बातें को ध्यान में रखकर न केवल दल के तमाम पदों से बल्कि प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देता हूं।