भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद छेड़ने वाले एम्स के सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को हटाये जाने के विरुद् खुद चतुर्वेदी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
मालूम हो की संजीव चतुर्वेदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के चीफ विजिलांस ऑफिसर थे.
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चतुर्वेदी का शुमार एक ईमानदार अधिकारी के साथ-साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद छेड़ने वाले ऑफिसर के रूप में होता है. उन्होंने एम्स के अंदर कई घोटालों का पर्दाफाश किया.
खुद को हटाये जाने के खिलाफ चतुर्वेदी ने न सिर्फ चुनौती दी है बल्कि इसकी मुखालफत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोभी पत्र लिखा है. जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रलय के सचिव को लिखे पत्र में संजीव ने करारा जवाब दिया है. पत्र में कहा गया है कि स्वायत्तशासी संस्थान होने के नाते एम्स के स्थायी वित्त समिति की 20 जुलाई 2010 बैठक में सीवीओ पद सृजित किया गया. जिसे एम्स गवर्निग बॉडी व इंस्टीट्यूट बॉडी ने 16 जनवरी 2012 को स्वीकृति दी.
इसके अध्यक्ष खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री होते हैं. सीवीसी ने अपनी वेबसाइट पर उन्हें एम्स सीवीओ दिखाया है. जुलाई 2012 से नियुक्ति के बाद से सीवीसी ने जितने पत्र व्यवहार हुए, उसमें उन्हें एम्स सीवीओ ही लिखा गया.
ताजा मामले में बिना कारण बताये केंद्रीय स्वास्य मंत्री हर्षवर्दन ने उन्हें हटा ते हुए कहा कि उन्हें किसी राजनीतिक दबाव में नहीं हटाया गया है। मंत्रलय का कहना है कि यह एम्स का अंदरूनी मामला है.
दूसरी तरफ चतुर्वेदी को हटाये जाने के खिलाफ दिल्ली के पूर्व मुख्य मंत्री अरविंद केजरवाल ने कड़ी आलोचना की है.