कुंडा हत्या कांड की परतें अब खुल रही हैं इस मामले में सीबीआई सत्ताधारी दल के एमएलसी पर दबिश बनाने में जुटी है बताया जा रहा है कि वह रघुराज प्रताप सिंह के रिश्तेदार हैं.
सीबीआई अब तक इस नतीजे पर पहुंची है कि सत्ताधारी दल के एक एमएलसी ने ग्राम प्रधान की हत्या के बाद पोस्टमॉर्टम से पहले ही लाश का अंतिम संस्कार करवाना चाहते थे और इसके लिए डीएसपी जियाउल हक से स्थानीय लोगों की बकझक भी हुयी थी.
अमर उजाला की खबरों में बताया गया है कि सीबीआई ने अपनी जांच में उस एमएलसी की महत्वपूर्ण भूमिका पाई है और उन्हें इसकी साजिश में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है.
सीबीआई की पड़ताल में यह पहले ही सामने आ चुका है कि जब नन्हे का कत्ल हुआ तो एमएलसी मौके पर पहुंच गए थे और लाश को गांव भिजवाने में सहयोग किया था.
सीबीआई नन्हे की हत्या के सिलसिले में एक बार पहले भी इस राजनेता से पूछताछ कर चुकी है. अब नए तथ्य सामने आने के बाद उनसे दुबारा पूछताछ करना तय माना जा रहा है.
सीबीआई इस राजनेता यह जानना चाहती है कि किन कारणों से नन्हे के शव का बगैर पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कराने की कोशिश थी. अमर उजाला के अनुसार सीबीआई इस राजनेता को नन्हे के कत्ल की साजिश का आरोप भी बनाने पर विचार कर रही है.
इधर सीबीआई प्रतापगढ में दो मार्च को डीएसपी जियाउल हक समेत तीन हत्याओं की जांच कर रही सीबीआई को पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं मिल रहे हैं.
सीबीआई का कहना है कि अधिक से अधिक पूर्व मंत्री के खिलाफ आरोपियों को परामर्श देने और उन्हें बचने की सलाह आदि देने की बात ही सामने आ रही है।