बिहार की मीडिया में संक्रांति के मौके पर राजद व जदयू के औपचारिक विलय की काफी चर्चा थी, लेकिन कुछ निर्णय नहीं हो सका। दोनों खेमों में विलय पर सिर्फ विलाप और प्रलाप होता रहा। किसी ओर से विलय की कोई तिथि तय होने का संकेत नहीं मिला। दोनों ओर से विलय का भरोसा दिलाया जाता रहा। बात इससे आगे नहीं बढ़ पायी। भोज में शामिल लोग दही के रंग, गुड़ की मिठास, सब्जी का तीखापन और तिलकूट के खस्तापन ही चर्चा करते रहे।
जदयू की ओर न्यू पटना क्लब में चूड़ा-दही और तिलकुट के भोज का आयोजन किया गया। इस भोज में जद यू और राजद के तमाम बड़े नेता के अलावा इंनेलो के अभय चौटाला और समाजवादी पार्टी के मंत्री ओम प्रकाश सिंह एक साथ चूड़ाशदही का आनंद लिया। जद यू के भोज में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, सांसद आर.सी.पी. सिंह, अली अनवर, विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी एक साथ नजर आयें। वहीं राजद अध्यक्ष श्री यादव के सरकारी आवास पर भी दही-चूड़ा, तिलकूट और विभिन्न तरह की सब्जियों के भोज का आयोजन किया गया। इस दौरान श्री यादव स्वयं व्यवस्था संभाल रहे थे और आने वाले अतिथियों को उचित स्थान पर बैठने का निर्देश दे रहे थे।
इस भोज में जद यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जद यू के राष्ट्रीय महासचिव के.सी.त्यागी, मंत्री श्याम रजक, विजेन्द्र यादव समेत कई मंत्री और विधायक शामिल हुए। बाद में जद यू के सांसद श्री त्यागी ने कहा कि जनता परिवार के एकजुट होने में सभी छह दलों की सहमति जरुरी है और इसके लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव को अधिकृत कर दिया गया है। जद यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने विलय के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि अभी कुछ भी बोलना उचित नहीं है।