जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) के पुणे घोषणापत्र में कहा गया है कि गंगा नदी पर प्रस्तावित गंगा वाटर वे के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा किया जाएगा। इसके लिए व्यापक रणनीति बनायी जाएगी। 31 अक्टूवर तथा 1 व 2 नंबवर को पुणे में संपन्न दसवां द्विवार्षिक सम्मेलन में इस प्रस्ताव स्वीकार किया गया। एनएपीएम के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय समन्वयक महेंद्र यादव ने नौकरशाहीडॉटइन के साथ बातचीत में कहा कि सम्मेलन में देश और समाज के समक्ष उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और उससे मुकाबले की रणनीति पर चर्चा हुई।
नौकरशाहीडॉटइन डेस्क
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता अरुण राय ने की, जबकि मुख्य अतिथि अनिल सदगोपाल थे। इस सम्मेलन को सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में दो दिसंबर को नई दिल्ली में केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का भी आयोजन करने का निर्णय लिया। महेंद्र यादव ने बताया कि नयी कार्यकारिणी में मेधा पाटेकर, अरुणा राय, बीडी शर्मा, विनायक सेन, पी चेनैया, गीता रामकृष्णन, सिस्टर सेलिया, आनंद मजगांवकर व संदीप पांडेय को सलाहकार बनाया है। एनएपीएम के 11 राष्ट्रीय समन्वयक चुने गए, जिसमें दो बिहार के हैं। बिहार से महेंद्र यादव अलावा कामयाणी स्वामी चुने गए हैं।
पुणे घोषणा पत्र में उल्लेखित प्रावधानों की चर्चा करते हुए महेंद्र यादव ने कहा कि एनएपीएम मानता है कि देश में संवैधानिक मर्यादाओं के समक्ष चुनौती खड़ी हो गयी है। सामाजिक संरचना व उसकी बनावट को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। समाजवादी व लोकतांत्रिक मूल्यों पर पूंजीवाद हावी होता जा रहा है। पूंजीवाद की नयी ताकत भारत में नया बाजार तलाश कर रही है। इसके लिए वह कॉरपोरेट घरानों को अपना माध्यम बना रही है। सांप्रदायिकत और अतिवादी शक्तियों के साथ मिलकर कॉरपोरेट घराना लोकतंत्र को बंधक बना लेना चाहता है। यह भी विडंबना है कि पिछले 20 वर्षों से केंद्र में एनडीए व यूपीए की सरकारों ने आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को बढ़ावा दिया है। इससे आम आदमी त्रस्त है।
श्री यादव ने कहा कि एनएपीएम का मानना है कि पूंजीवादी ताकतों के खिलाफ एनएपीएम ही मजबूत लड़ाई लड़ सकता है। इसके लिए वह जनहित के मुद्दों पर संघर्ष करने वाली पार्टियों व अन्य संगठनों के तालमेल करेगा। उन्होंने कहा कि पुणे सम्मेमलन में एनएपीएम की पूर्व की उपलब्धियों और आगे की योजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इसमें देश भर के प्रतिनिधि पहुंचे थे। सम्मेलन में नयी कार्यकारिणी को भी मंजूरी दी गयी।
(फोटो: सम्मेलन में उपस्थित अतिथि )