भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने बिहार के लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के डीएनए में जातीयता है.
गडकरी भारतीय जनता पार्टी के पटना स्थित कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
लेकिन गडकरी को जैसे ही एहसास हुआ कि उन्होंने कुछ ज्यादा ही बोल दिया है तो उन्होंने अपनी बातों में सुधार लाते हुए कहा कि बिहार की राजनीति के ‘डीएनए’ में जातीयता है.
गडकरी शनिवार को पटना में जातीयत और साम्प्रदायिकता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज प्रमुख लालू प्रसाद के साथ साथ कांग्रेस पर जम कर प्रहार किया.
उन्होंने कहा कि नीतीश, लालू और कांग्रेस के नेता शत-प्रतिशत सांप्रदायिक हैं, जिन्हें हम ‘मल्टि-कम्युनल’ कहेंगे. उन्होंने कहा कि ‘मल्टि-कम्युनल पार्टियां’ जाति के आधार पर राजनीति करती हैं और धर्मनिरपेक्ष कहलाती हैं. गडकरी ने कहा कि जाति और सांप्रदायिकता के कारण ऐसी पार्टियां गरीबी, बेरोजगारी के मुद्दों को नहीं उठा रही हैं.
उन्होंने किशनगंज से जेडी (यू) के उम्मीदवार अख्तरूल ईमान के चुनाव मैदान से हट जाने की चर्चा करते कहा कि ईमान ने मैदान से यह कहकर अपने को अलग किया कि मुस्लिम वोट का बंटवारा नहीं होने देंगे.