भाजपा शासित झारखंड में उस घटना की याद ताजा हो गयी जब देश भर में लोग गणेशजी को दूध पिलाने दौड़ पड़े थे. शनिवार को उड़ी अफवाह में 50 हजार लोग मुफ्त आवास के लिए लाइन में लग गये. अफरातफरी का ऐसा आलम था कि भगदड़ में 12 लोग घायल भी हुए.
राज्य के आदित्यपुर में मुफ्त में आवास देने की अफवाह ऐसी उड़ाई गयी कि जो जहां था वहां से दौड़ कर आवास बोर्ड के दफ्तर की लाइन में खड़ा हो गया. हिंदुस्तान अखबार के अनुसार इस बीच दलालों ने एक रुपया का फार्म के लिए 200 रुपये से पांच सौ रपये तक की कीमत वसूल कर माला माल होते रहे.
इस अफवाह के पीछे किसका हाथ था यह तो फिलवक्त पता नहीं चल सका पर अफवाह उड़ाने वालों ने मुफ्त आवास प्राप्त करने की अंतिम तिथि बड़ी शातिराना तरीके से घोषित की थी. इसके लिए अंतिम तिथि 7 जनवरी बतायी गयी थी जिसके दूसरे दिन रविवार है. अंतिम तिथि के इस जाल में लोग बुरी तरह फंस गये. खबर में बताया गया है कि दो पहर तक लोगों की कतार दो किलोमीटर लम्बी हो गयी थी.
अफवाहबाजों ने यह भी भ्रम फैला रखा था कि आवास की सुविधा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तय होगी. एक अनुमान के मुताबिक फार्म बेच कर दस लाख रुपये से ज्यादा कमा कर चंपत हो गये.
हालांकि आवास बोर्ड से जुडे कर्मियों का कहना है कि उसने आवास के सर्वे का काम कर रहा है लेकिन इस अफवाह को फैला दी गयी कि आवास देने के लिए फार्म भरवाये जा रहे हैं.