मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ राजमार्ग खंड को चौड़ा कर चार लेन का बनाने का प्रस्ता व मंजूर कर दिया है.
लगभग 93 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग खंड राष्ट्रीेय राजमार्ग 82 पर बिहार में पड़ता है.
इस परियोजना पर अनुमान है कि रूपये 1408.85 करोड़ खर्च आयेगा जिसमें से 1216.16 करोड़ निर्माण और निरीक्षण पर और रूपये 192.69 करोड़ भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और निर्माण पूर्व गतिविधियों पर खर्च किए जायेंगे.
जापान की अंतर्राष्ट्रीेय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) इस परियोजना के लिए शत-प्रतिशत वित्तीखय सहायता देने पर सहमत हो गई है. इस राशि का इस्तेसमाल निर्माण और निरीक्षण कार्य के लिए तथा गया-हिसुआ–राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ खंड को चार लेन का बनाने में किया जायेगा.
यह काम ठेका दिये जाने के बाद तीन वर्षों के अंदर पूरा कर लिया जायेगा.
इस परियोजना के जरिए नालंदा विश्व विद्यालय के प्राचीन स्थाान को अन्ये भागों से जोड़ा जायेगा. इस स्थारन पर वे पर्यटक जरूर जाते हैं जो बोधगया देखने आते हैं. इस सड़क के जरिए राजगीर भी अन्य़ स्थाजनों से जुड़ जायेगा जहां बना जापानी पगोडा अथवा विश्व शांति स्तूथप मुख्य़ आकर्षण है.
राजगीर बौद्ध तीर्थ यात्रियों का भी पसंदीदा स्थायन है. इस परियोजना से गया में क्षेत्रीय सेवा केंद्र में विकसित करने में मदद मिलेगी और यहां पर अच्छीस गुणवत्ताख वाली मूल सुविधाएं बनाई जा सकेंगी, जो नागरिकों और तीर्थ यात्रियों तथा खाली समय में घूमने आने वाले पर्यटकों के काम आयेगी और जिससे अर्थव्यंवस्थाल को प्रोत्सामहन मिलेगा.
इस राजमार्ग को चार मार्ग का बना दिए जाने के बाद इस क्षेत्र में कई स्थाोनों पर बाईपास बनाए जाएंगे ताकि यातायात प्रवाह ठीक बना रहे और यात्रा समय और लागत मे बचत हो सके.उम्मीाद की जा रही है कि परियोजना के पूरी हो जाने पर इस क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा.