कांग्रेस ने मोदी सरकार को गरीब और किसान विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि वह खाद्य सुरक्षा कानून में आमूलचूल परिवर्तन करके देश की दो तिहाई गरीब आबादी का निवाला छीनने की तैयारी में है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस के नतृत्व वाली सरकार ने देश की दो तिहाई आबादी को भरपेट खाना देने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून बनाया था, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस कानून के लक्ष्य और नीतियों को पूरी तरह से बदलने की तैयारी कर चुकी है, जिससे इस व्यवस्था के तहत लाभ पाने वाले गरीबों की संख्या 67 प्रतिशत से घटकर 40 फीसदी रह जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने शांता कुमार के नेतृत्व में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में ढांचागत बदलाव तथा खाद्य सुरक्षा कानून से जुडे मुद्दों पर समिति का गठन किया था। समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने जो सिफारिश की है, उससे गरीब भूखा रहेगा और करोड़ों लोगों का निवाला छिन जिाएगा। उन्होंने कहा कि इस कानून का फायदा 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को मिल रहा था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 30 हजार करोड़ रुपए की सबि्सडी की बचत देश के करोडो लोगों की भूख और उनके पोषण से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। समिति की सिफारिशों के अनुसार दो तीन साल में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को भी नगद हस्तांतरण से जोड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो गरीब के सामने भोजन का संकट और बढ जाएगा। उनका कहना था कि गरीब के पास बाजार भाव पर सामान खरीदने के लिए पैसा ही नहीं होगा तो वह भूखा ही रहेगा। जब वह महंगे दाम पर राशन खरीद पाएगा तो बाद में मिलने वाली सबि्सडी का उसके लिए कोई मतलब नहीं रह जाएगा।