चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के सिंचाई मंत्री नरोत्तम मिश्र को चुनावी खर्च की गलत जानकारी देने के मामले में विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया है और उनके तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी है।
चुनाव आयोग ने अपने एक आदेश में श्री मिश्रा को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 7 (बी) के तहत सदस्यता के अयोग्य ठहराया है। उनके विरुद्ध कांग्रेस के राजेन्द्र भारती ने 2009 में आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर कहा था कि श्री मिश्रा ने 2008 के विधानसभा चुनाव के खर्चे का सही ब्योरा नहीं दिया है। उन्होंने कई मदों में किए गए खर्चे नहीं दिखाये हैं, जिनमें ‘पेड न्यूज’ भी शामिल है। आयोग ने श्री मिश्रा की शिकायत की जांच करने के बाद पाया कि उनकी कुछ अखबारों में प्रकाशित सामग्री पेड न्यूज के दायरे में आती है। आयोग ने इस बात को भी सही माना कि उन्होंने चुनाव खर्च का सही ब्योरा नहीं दिया है। यह देखते हुए आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उन्हें सदस्यता के अयोग्य ठहराया है और यह आदेश जारी किए जाने से लेकर तीन साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगायी है।
श्री मिश्रा ने 2008 में दतिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और श्री भारती भी इस क्षेत्र से प्रत्याशी थे। श्री भारती के अलावा मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति ने भी श्री मिश्रा के विरुद्ध शिकायत दायर की थी। उनकी शिकायतों की जांच के बाद आयोग ने पाया कि श्री मिश्रा ने जानबूझकर चुनाव खर्च के बारे में गलत जानकारी देने के साथ ही तय खर्च सीमा के संबंध में धांधली करने की कोशिश की।