पिछले साल 27 अक्टूबर को गांधी में भाजपा की हुंकार रैली के दौरान मारे गए छह लोगों की याद में आज भाजपा ने आंतकवाद विरोधी दिवस मनाया। पटना के तारामंडल में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी, विधानसभा में विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय समेत बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। भाजपा ने अपने इन ‘शहीदों’ की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।
बिहार ब्यूरो
कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं ने यह पूरी कोशिश की कि पिछले साल के गांधी मैदान की धाह कमजोर नहीं पड़ जाए। नेताओं का पूरा प्रयास था कि गांधी मैदान में हुए विस्फोट के बाद की संवेदनाओं को जीवित रखा जाए। कार्यक्रम की शुरुआत में एक छोटी सी डेक्यूमेंट्री भी दिखायी, जिसमें हादसे से जुड़े कुछ फूटेज थे। इसमें लाश, घायलों की चीत्कार और बेहाल परिजनों की तस्वीरें नजर आ रही थीं। इस आपाधापी में किसी भाजपा नेता की तस्वीर नहीं दिखी, जो पीडि़तों की मदद करता दिख रहा हो। श्रद्धांजलि सभा में हादसे के घायलों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में एक व्यक्ति ने यह भी टिप्पणी की कि यदि भाजपा की सरकार बनती है तो जेपी आंदोलनाकारियों के तरह हुंकार रैली के दौरान घायलों को भी पेंशन दिया जाए।
आंतकवाद विरोधी दिवस के नाम पर भाजपा ने अपने वोटरों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। हुंकार रैली में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों को भी चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश भर में घुमाया जाएगा और गांधी मैदान की गाथा सुनायी जाएगी। नरेंद मोदी के राज में भाजपा के पास नरेंद्र मोदी के अलावा कोई मुद्दा नहीं है। वैसी में हुंकार रैली की त्रासदी को भाजपा अपने लिए वरदान मान रही है और उसकी पीड़ा की चिंगारी को जीवित रखना चाहती है।