जहानाबाद के जेल अधीक्षक को रिश्वत लेते निगरानी द्वारा गिरफ्तार किये जाने को उनके परिजन एक दबंग की ‘साजिश’ बता रहे हैं जबकि निगरानी विभाग इसे खारिज कर रहा है. इस खबर में पढ़ें दोनों पक्ष
विनायक विजेता की खबर के अनुसार जहानाबाद जेल अधीक्षक अरविंद मिश्रा के परिजनों और उनके शुभचिंतकों का कहना है कि जेल में बंद एक दबंग पप्पू शर्मा के रिश्तेदारों ने 51 हजार रुपये जेल अधीक्षक से रंगदारी के रूप में ले ली थी जिसे वह वापस लेने गये थे. लेकिन एक महिला जो खुद को पप्पू शर्मा की पत्नी बता रही थी उसने निगरानी के अधिकारियों को यह बता दिया कि जेल अधीक्षक ने उनसे रिश्वत ले रहे थे.
जब नौकरशाही डॉट इन ने इस गंभीर और अतिसंवेदनशील मामले में निगरानी विभाग के डीजी पीके ठाकुर से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि “हमारी टीम जब किसी अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ने जाती है तो उससे पहले हम ठोक-बजा कर उस मामले की तह तक पहुंचते हैं. और जब हमें यह पूरा यकीन हो जाता है कि मामला रिश्वत का है तभी हम आगे बढ़ते हैं. पीके ठाकुर ने साफ कहा कि पैसों की लेन देन से संबंधित तमाम कंवर्शेसन का ऑडियो रिकार्ड हमारे पास है. अरविंद मिश्रा ने पप्पू शर्मा को जहानाबाद से बक्सर जेल शिफ्ट करने की बात की थी. लेकिन पप्पू शर्मा के रिश्तेदार चाह रहे थे कि वह जहानाबाद जेल में ही रहे. इसके एवज ही जहानाबाद के जेल अधीक्षक रिश्वत मांग रहे थे. और उन पैसों के लेने के लिए वह अपनी गाड़ी से खुद ही गये थे”.
पीके ठाकुर ने कहा कि “अगर अरविंद मिश्रा को यह लगता है कि उनके खिलाफ किसी कैदी ने साजिश रची है तो उन्हें लिखित रूप से निगरानी को देना चाहिए. हम उनकी शिकायत की वैधता की भी जांच करेंगे”.
अब यहां पढ़िये अरविंद मिश्रा का पक्ष
अरविंद कुमार मिश्रा को निगरानी की टीम ने 51 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया था. निगरानी के हवाले से यह खबर छपी थी कि वह ये रकम रिश्वत के रूप में लेते हुए पकड़े गये.
लेकिन अब इस मामले में अरविंद मिश्रा के करीबी लोग कुछ अलग तरह की बातें कह रहे हैं.
जहानाबाद जेल में जहानाबाद जिले के ही सेन्धवा गांव निवासी और अवैध हथियारों का सौदागर पप्पू शर्मा बंद है। जेल के अंदर पप्पू की दबंगई और अन्य कैदियों की शिकायत पर जेल अधीक्षक ने एक दिन पप्पू की पिटाई कर दी थी। इस घटना के कुछ दिन बाद से ही जेल अधीक्षक के मोबाइल नंबर-9430966762 और जेल अधीक्षक कार्यालय के लैंड लाइन नंबर-06114223876 पर लगातार फोन आने लगे.
9430255512 के नंबर से मिलने वाली धमकियों में जेल अधीक्षक की हत्या करने और उनके परिवार को उठा ले जाने की भी धमकी जी जाती थी। जेल अधीक्षक के करीबियों का दावा है कि उन्होंने इस मामले की मौखिक जानकारी जहानाबाद के जिलाधिकारी और एसपी को देते हुए एक अंगरक्षक की मांग की थी जो उन्हें मुहैया नहीं हो सका।
इन धमकियों से जेल अधीक्षक इतने डर गए कि उन्होंने अपनी और अपने परिवार की जान बख्सने का सौदा 51 हजार रुपये में कर लिया। बीते 2 अप्रैल को जेल अधीक्षक ने जेल में पहुंचे महेन्द्र सिंह नामक व्यक्ति को चार लिफाफों में डाल कर रखा गया 51 हजार रुपये सौंप दिए। इस घटना के कुछ दिनों बाद शक होने अरविन्द मिश्रा ने 9430255512 नंबर की छानबीन करायी तो यह नंबर जेल में बंद पप्पू शर्मा उर्फ रविरंजन कुमार के नाम से ही निर्गत निकला।
इसके बाद जेल अधीक्षक पप्पू शर्मा, रुपये प्राप्त करने वाले महेन्द्र सिंह और पप्पू के परिजनों पर अपने रुपये वापस करने का दबाव बनाने लगे। इस बीच एक महिला खुद को पप्पू की पत्नी बता जेल अधीक्षक के मोबाइल पर उनसे बात कर जल्द रुपये लौटा देने का वादा किया।
इसी फर्जी महिला ने खुद को पप्पू की पत्नी बताया था. जबकि पप्पू की पत्नी से उसका तलाक हो चुका है.
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