रिश्वत लेने के मामले में चार दिन पूर्व गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद बिहार कैडर के 2013 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जितेन्द्र गुप्ता के समर्थन में भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी एसोसिएशन खुलकर सामने आ गया है ।
एसोसिएशन की बिहार इकाई की हुयी बैठक में श्री गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद जेल भेजने की कार्रवाई की कड़ी निंदा की गयी । बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपना पक्ष रखेगा और इस संबंध में एक ज्ञापन देगा । बैठक लगभग चार घंटे तक चली । बैठक में कैमूर जिले के मोहनियां के अनुमंडल पदाधिकारी श्री गुप्ता की गिरफ्तारी की कारवाई को अन्यायपूर्ण तथा इसे नियम संगत नहीं बताया गया । आरोप लगाया कि जिस तरीके से राज्य सतर्कता अन्वेण ब्यूरो के धावा दल ने एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी को आधी रात में हिरासत में लिया, वह पूर्व से नियोजित एवं गैर कानूनी प्रतीत होता है । उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश का भी यह उल्ंलघन है ।
बैठक में यह भी कहा गया कि सर्तकता अन्वेण ब्यूरो की टीम ने श्री गुप्ता के सकारी आवास या कार्यालय से कुछ भी बरामद नहीं किया । बगैर किसी ठोस साक्ष्य के सरकारी सेवक की गिरफ्तारी को जायज नहीं ठहराया जा सकता । बैठक में इस पर चिंता जतायी गयी कि गिरफ्तारी की खबर को इस तरह से फैलायी गयी कि श्री गुप्ता रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गये हैं। एसोसिएशन के सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि श्री गुप्ता के पास से किसी तरह की राशि की बरामदगी नहीं हुयी और वाहन चालक, अधिकारी का कोई निजी चालक भी नहीं है । इस तरह की घटनाओं से लोक सेवकों में एक भय का माहौल बन रहा है और ऐसे में विभागीय दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नही किया जा सकता । सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए ।
त जमानत अर्जी से हुआ है ।