मंत्रिपद संभालते ही गिरिराज सिंह से दफ्न हो चुके विवाद फिर से सर उठाने लगे हैं. मानवाधिकार आयोग के एसपी ने सोमवार को स्पेशल ब्रांच को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि उनक संबंध रणवीर सेना से है.
दैनिक भास्कर की एक खबर के मुताबिक राज्य मानवाधिकार आयोग के एसपी अमिताभ कुमार दास ने सोमवार को स्पेशल ब्रांच के आईजी जितेंद्र सिंह गंगवार को एक रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लघु उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह का संबंध प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना से है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस मामले के बारे में आईबी को भी जानकारी देने का अनुरोध किया है. एसपी ने कहा है कि एक जून, 2012 को रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के बाद गिरिराज ने चैनलों पर मुखिया को गांधीवादी बताया. वे श्रद्धांजलि देने मुखिया के पैतृक गांव खोपिरा, भोजपुर भी गए थे.
अमिताभ कुमार दास 2003 में अरवल के एसपी रह चुके हैं. उस समय दास ने एक रिपोर्ट में रणवीर सेना को आतंकी संगठन घोषित करने की अनुशंसा की थी.
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गौरतलब है कि रणवीर सेना ने 1990 के दशक में बिहार में अनेक नरसंहारों को अंजाम दिया है. उन नरसंहारों में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के दर्जनों लोगों की जानें गयीं.
भड़काऊ बयानों के लिए चर्चित
गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा आलोचना का शिकार होते रहे हैं. उनके भड़काउ बयानों के कारण न केवल उन पर झारखंड की एक अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा हुआ, बल्कि उनके लोकसभा चुनाव के दौरान भाषण देने पर भी रोक लगा दी गयी थी. उनके भाषणों पर सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने की कोशिश का आरोप लगता रहा है. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है.
गिरिराज सिंह पर लोकसभा चुनावों के दौरान अपने बयानों में एक खास समुदाय को आतंकवाद से जोड़ कर मजहबी भावना भी भड़काने का आरोप लगा. चुनावों के तुरंत बाद गिरिराज तब अचानक विवादों में आ गये जब उनके घर से एक करोड़ रुपये चोरी होने की बात सामने आयी. उस वक्त उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अपनी दौलत के जो आंकड़े चुनाव आयोग के सुपुर्द किये उनमें इन रुपयों का उल्लेख नहीं ता. ऐसे में सवाल उठा कि उनके पास ब्लैक मनी तो नहीं है. यह मामला अब भी लंबित है.
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