भाजपा के फायरब्रांड चेहरा और भूमिहारों के नेता गिरिराज सिंह को केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। नीतीश कुमार सरकार में ही नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले गिरिराज सिंह भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के लिए बराबर सिर दर्द बने रहे थे। भाजपा के बन रहे सामाजिक न्यायोन्मुखी चेहरा पर बराबर सांप्रदायिकता की कालिख पोतने की कोशिश करते हैं।
नौकरशही ब्यूरो
उनके भड़काउ बयानों के कारण न केवल उन पर झारखंड की एक अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा हुआ, बल्कि उनके लोकसभा चुनाव के दौरान भाषण देने पर भी रोक लगा दी गयी थी। उनके भाषणों पर सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने की कोशिश का आरोप लगता रहा है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है।
उनके खिलाफ सबसे संगीन आरोप आर्थिक अपराध का है। उनके पटना स्थित आवास से चोरी गए एक करोड़ 35 लाख रुपये पुलिस ने बरामद किए थे। लेकिन उन्होंने रुपये के स्रोत का खुलासा नहीं किया है। हालांकि यह रुपये किसी रिश्तेदार का होने की बात कही थी, लेकिन अभी तक उसकी पुष्टि भी नहीं हो पायी है। उन्होंने एक बार यह भी बयान दिया था कि जिन्हें नरेंद्र मोदी पसंद नहीं हैं, उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए।
अपने विवादास्पद बयानों और नरेंद्र मोदी की भक्ति के कारण वह न केवल विपक्ष, बल्कि अपने ही दल के नेताओं के निशाने पर आते रहे हैं। भाजपा के सांसद योगी आदित्य नाथ के बयान पर भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील मोदी के रैवये के खिलाफ गिरिराज सिंह आदित्य नाथ के साथ खड़े रहे। ऐसे कई मौके आए, जब उनके बयानों से पार्टी को फजीहत झेलनी पड़ी। फिर भी नरेंद्र मोदी की भक्ति के कारण उनकी राजनीतिक सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा। अब जब वह केंद्रीय मंत्री हो गए हैं तो स्वाभाविक रूप से उनका कद बढ़ गया है और इसकी बात की पूरी आशंका है कि वह अपने सांप्रदायिक भाषणों और विवादित बयानों के कारण बिहार का सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश कर सकते है। इससे सतर्क रहने की जरूरत है।