गुजरात दंगे पर अंग्रेजी में लिखी गयी चर्चित पुस्तक ‘गुजरात फाइल्स’ के हिन्दी संस्करण का नई दिल्ली में विमोचन किया गया। एक वर्ष में इस पुस्तक के 12 भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। मुम्बई की पत्रकार राणा अय्यूब लिखित इस पुस्तक के हिन्दी संस्करण का प्रेस क्लब में विमोचन किया गया।
गुलमोहर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस किताब का विमोचन हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक एवं समयांतर पत्रिका के संपादक पंकज बिष्ट, एनडीटीवी के एंकर रवीश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह और जानी-मानी अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने किया। समारोह में उपस्थित पुस्तक की लेखिका राणा अय्यूब ने इस मौके पर बताया कि किस तरह उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन करके गुजरात दंगे की हकीकत लिखी लेकिन उसे तहलका ही नहीं बल्कि किसी अख़बार या पत्रिका ने छापने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन एक साल के भीतर इसके 12 भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं और इस किताब के सम्बन्ध में वह अब तक 500 आयोजनों में शामिल हो चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि इस किताब के लिए आज तक न तो कोई मानहानि का मामला दायर हुआ और न ही पुस्तक को ज़ब्त किया गया। इतना ही नहीं, जिन अफसरों का स्टिंग आपरेशन करके उन्होंने गुजरात दंगे के पीछे छिपी हुई बातों का पता लगाया, उन अफसरों ने भी कोई आपत्ति आज तक दर्ज नहीं करायी जिनका वह शुक्रिया अदा करती हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की विरोधी नहीं हैं और न ही उनकी किसी से कोई निजी दुश्मनी है। उन्होंने पुस्तक में श्री शाह के बारे में जो कुछ कहा है, वे वही शब्द थे जो उच्चतम न्यायालय ने उनके लिए कहे थे।