मरी गायों के निपटान के विरुद्ध गुजरात का दलित आंदोलन दमदार असर दिखा रहा है. इसका इतना व्यापक असर पड़ा है कि गुजरात के अनेक शहरों में सड़कों पर पड़ी मरी हुई गायों के के कारण ट्रैफिक जाम की नौबत आ गयी है.
इससे सरकार की हालत इतनी पस्त हो चुकी है कि उसे विशेष सर्कुलर जारी करके राज्य के 33 जिलों कलेक्टर को निर्देश दिया ह कि वे मृत गायों के निपटान की जिम्मेदारी खुद संभालें.
गौरतलब है कि गुजरात के उना में मृत गायों को निपटान के बाद चमड़ी निकालने वाले चार दलितों को गोरक्षक दल नामक संगठन के लोगों ने बेरहमी से पैर हाथ बांध कर पीटा था. इसके बाद गुजरात भर में आंदोलन शुरु हो गया. दलितों ने मृत गाय-बैल कलेक्टर के दफ्तरों के सामने फेकने लगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सर्कुलर में कहा गया है कि कलेक्टर इस बात को सुनिश्चित करें की कमर्सियल कम्पलेकस, बाजारों और भीड़ वालें इलाकों से मृत जानवरों का नबटान जल्द से जल्द करें ताकि महामारी फैलने का खतरा ना हो. टाइम्स ऑफ इंडिया में शनिवार को खबर है कि मरे जानवरों को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों यानी अर्थमूवर गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.